नई दिल्ली : Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार आरोपियों को आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च, 2024 तक बढ़ा दी। सभी आरोपियों को कोर्ट रूम में सशरीर पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने कहा सभी छह आरोपियों की अदालत में उपस्थिति और न्यायिक हिरासत 30 दिनों के लिए बढ़ा दी गई। पेशी के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपियों ने आवेदन देते हुए बताया कि, पुलिस ने जबरन कोरे कागजों पर उनके हस्ताक्षर ले लिए हैं। साथ ही आरोपियों ने कहा है कि, संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के बयानों को जबरन स्वीकार करने के लिए उन्हें बिजली के झटके दिए गए। कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दिए गए आवेदन पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी, 2024 की तारीख तय की है। कोर्ट ने अर्जी पर दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है।
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Parliament Security Breach Case: बता दें कि, पिछली पेशी के दौरान आरोपी नीलम आजाद ने कोर्ट को बताया था कि कल एक महिला अधिकारी ने उनसे 52 कोरे कागजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाए हैं। उनके वकील सुरेश चौधरी ने भी कहा कि ऐसा पहले भी हुआ था। अदालत ने वकील से उचित आवेदन दाखिल करने को कहा था। नीलम आज़ाद के वकील ने एक आवेदन दायर किया है। विशेष लोक अभियोजक (SPP) अखंड प्रताप सिंह ने अभियुक्तों के आरोपों और दलीलों पर आपत्ति जताई थी। अदालत ने वकील की दलील दर्ज की है। इससे पहले छह में से पांच आरोपियों ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी थी। आरोपी नीलम आजाद ने पॉलीग्राफ टेस्ट से इनकार कर दिया था।
Parliament Security Breach Case: इसके अलावा आरोपी मनोरंजन और सागर ने भी नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी। विशेष लोक अभियोजक (SPP), अखंड प्रताप ने प्रस्तुत किया था कि मनोरंजन और सागर के नार्को और ब्रेन मैपिंग के अलावा, सभी छह आरोपियों के पॉलीग्राफ की आवश्यकता है। बता दें ये मामला 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा उल्लंघन से संबंधित है।
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