नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने के बावजूद राष्ट्रपति अभिभाषण एवं आम बजट में सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं को आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि अगली बार निर्वाचन आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए।
उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने प्रश्न किया कि क्या राजनीति चुनाव के लिए ही होती है अथवा कुछ काम करने के लिए भी होती है? उन्होंने कहा कि जब चुनाव होने वाले होते हैं तो उस राज्य विशेष, वहां की संस्कृति, खानपान, पहनावे आदि की चर्चा होती है और चुनाव हो जाने के बाद उस राज्य को भुला दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में महिलाओं एवं शिक्षा के बारे में जो बातें कहीं गयी हैं, कांग्रेस उनका समर्थन करती है किंतु इसमें राजनीति को ध्यान में रखकर जो बातें कहीं गयी हैं, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता।
शुक्ला ने कहा कि राज्यों की तमाम मांगें हैं जिनका राष्ट्रपति अभिभाषण और आम बजट में कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे तो इस समय (राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में) चुनाव आचार संहिता लागू थी किंतु उस समय संसद में पेश किए गए आम बजट में तमाम घोषणाएं की गयीं। उन्होंने कहा कि अगली बार निर्वाचन आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी स्थिति में नहीं हो।
बेरोजगारी का जिक्र करते उन्होंने कहा कि गुजरात एवं महाराष्ट्र में कोरोना के कारण जो मजदूर अपने घर गये थे, उनमें से अधिकतर लोग वापस काम पर नहीं लौटे। उन्होंने कहा कि आज विनिर्माण क्षेत्र में मजदूरों की बहुत कमी है।
उन्होंने कुंभ में भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘सरकार को स्पष्ट करना होगा कि यह कोई धार्मिक आयोजन है या राजनीतिक? इस समय वहां राजनीतिक नेताओं के जाने का तांता लगा हुआ है।’’
जनता दल (एस) के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वह ऐसी पृष्ठभूमि से आये हैं जब उनके स्कूल में छात्र कुर्सी मेज पर नहीं बल्कि जमीन पर बैठकर पढ़ते थे। अपनी वय की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि वह राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे या नहीं।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह उनकी ही नहीं पूरे सदन की कामना है कि देवेगौड़ा उच्च सदन में अपना कार्यकाल पूरा करें।
देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देश के शीर्ष पद के लिए हुए चुनाव में समर्थन दिया था।
देवेगौड़ा ने कहा कि उनके पुत्र कुमारस्वामी इस बार लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर लड़े थे और जीतकर केंद्रीय मंत्री बने।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि यदि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे। जद (एस) नेता ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह गये और उन्हें अपना इस्तीफा दिया लेकिन मोदी ने उनका हाथ पकड़कर कहा कि वह इस्तीफा नहीं दे सकते क्योंकि संसद को एक अनुभवी नेता की आवश्यकता है।
उन्होंने कर्नाटक सरकार से जुड़े कई मुद्दे उठाये जिसका कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरू में आज भी पेयजल का संकट बना हुआ है।
देवेगौड़ा ने कहा कि मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं दिला पाये। देवेगौड़ा ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का ‘चेयरमैन’ बनना चाहते थे किंतु मोदी इस प्रस्ताव पर तैयार नहीं हुए।
उन्होंने दावा किया कि मोदी की वर्तमान सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
सदन के नेता जे पी नड्डा ने चर्चा में संक्षिप्त हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह देवेगौड़ा के राजग के बारे में किए गए दावे से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सभी नेताओं ने तय किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चला जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश ने एक समय ऐसा भी देखा है जब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना पड़ता था। उन्होंने कहा कि भाजपा की विभिन्न सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण आज धान की बड़े पैमाने पर खरीद हो रही है।
उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में किसान खुश है, पलायन रुका है तथा कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ा है।
सिंह ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि लोकसभा की एक महिला सदस्य और राज्यसभा की एक वरिष्ठ सदस्य ने जनजातीय समाज से आने वाली राष्ट्रपति का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक आदिवासी महिला का बल्कि पूरे संविधान का अपमान है।
आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में कई प्रमुख मुद्दों पर सरकार ने चुप्पी साध ली। उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक बजट आवंटित करने की भी मांग की।
भाषा
माधव अविनाश
अविनाश
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