गुवाहाटी, 19 जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ असम के विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के मसौदा परिसीमन प्रस्तावों पर जन सुनवाई करने के लिए बुधवार को यहां पहुंची। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त — अनूपचंद्र पांडे और अरूण गोयल आज सुबह गुवाहाटी पहुंचे तथा उन्होंने यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र परिसर में तीन दिवसीय सुनवाई शुरू की।
चुनाव विभाग के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि तीन सभागारों में एक साथ सुनवाई चल रही हैं तथा कुमार, पांडे और गोयल लोगों के सुझावों को सुनने के लिए एक -एक सभागार में बैठे हैं।
इस जन सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों, प्रबुद्ध वर्ग समेत विभिन्न पक्षकारों के साथ परिसीमन प्रक्रिया के मसौदा प्रस्तावों पर बैठक एवं चर्चा करेगा।
पहले दिन कामरूप मेट्रोपोलिटन, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, चिरांग, बक्सा, दीमा हसाओ, कामरूप , उदालगुरी, कार्बी आंगलोंग और कोकराझार जिलों के लिए सुझाव लिये जाएंगे।
ग्वालपारा, बोंगाईगांव, बारपेटा, नलबारी, सोनितपुर, करीमगंज, दर्रांग, हैलाकांडी, कछार, दक्षिण सलमारा, नगांव, मोरीगांव और धुबरी के लिए मसौदे पर बृहस्पतिवार को फीडबैक ली जाएगी।
आखिरी दिन निर्वाचन आयोग तिनसुकिया, धेमाजी, लखीमपुर, शिवसागर, जोरहाट, डिब्रूगढ़, चराईदेव, गोलाघाट और माजुली जिलों के आवेदनों पर गौर करेगा।
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को सभी जन संगठनों से अधिकतम पांच आवेदन देने का अनुरोध किया।
मसौदा प्रस्ताव के प्रकाशित होने के बाद से विपक्षी राजनीतिक दलों एवं कई सामाजिक संगठनों ने निर्वाचन आयोग की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि केंद्रीय चुनाव निकाय ने सत्तारूढ़ भाजपा की ‘कठपुतली’ की भांति काम किया है।
लेकिन निर्वाचन आयोग ने इस आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया। कई राजनीतिक दल पूरी परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ उच्चतम न्यायालय भी पहुंच गये हैं।
निर्वाचन आयोग ने 20 जून को परिसीममन मसौदा दस्तावेज जारी किया तथा असम में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 126 तथा लोकसभा क्षेत्रों की संख्या 14 बरकरार रखी। राज्य में राज्यसभा की सात सीट हैं।
मसौदे के अनुसार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट आठ से बढ़ाकर नौ तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट 16 से बढ़ाकर 19 कर दी हैं। लोकसभा की दो सीट अनुसूचित जनजाति तथा एक सीट अनूसूजित जाति के लिए आरक्षित की गयी है।
निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों (विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्रों) की भौगोलिक सीमाओं में बदलाव की योजना बनायी है। उसने कुछ सीट हटा दी हैं तथा कुछ नयी सीट सृजित की हैं।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश
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