नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि ‘फर्जी और जाली’ आयात बिलों का उपयोग कर भारत के बाहर 329 करोड़ रुपये के कथित अवैध हस्तांतरण से जुड़े धन शोधन के मामले में एजेंसी ने पांचवीं गिरफ्तारी की है। केंद्रीय एजेंसी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जतिन चोपड़ा को 15 सितंबर को हरियाणा के गुरुग्राम में उनके घर से हिरासत में लिया गया।
ईडी के मुताबिक, चोपड़ा को जुलाई में एक अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने बताया कि कई बार तलब किए जाने के बावजूद जांच में शामिल नहीं होने के लिए चोपड़ा के खिलाफ सक्षम अदालत से वारंट प्राप्त किया गया।
धन शोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है।
ईडी ने इस मामले में जुलाई में आशीष कुमार वर्मा, विपिन बत्रा, रूपेश बत्रा और मोहन मदान को गिरफ्तार किया था।
संघीय एजेंसी के अनुसार, आरोपियों ने 20 फर्जी या नकली संस्थाएं बनाईं और कई बैंक खाते खोले, जिनका इस्तेमाल ‘नकली और जाली’ पैन, आधार तथा मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों के बल पर 4,52,31,799 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा ‘अर्जित’ करने के लिए किया गया।
ईडी ने बताया, “अपराध की आय को सेवाओं के आयात के भुगतान की आड़ में विदेश में हस्तांतरित किया गया।”
एजेंसी ने दावा किया, “ये लोग एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह/धोखाधड़ी में शामिल थे, जिसमें विदेशी मुद्रा अर्जित की जा रही थी और आय को धोखाधड़ी के माध्यम से देश के बाहर हस्तांतरित किया जा रहा था। इससे देश की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय प्रणाली को खतरा पैदा हो रहा था और परिणामस्वरूप विभिन्न सरकारी विभागों को नुकसान हो रहा था तथा आरोपियों को अनुचित लाभ हो रहा था।”
भाषा जितेंद्र धीरज
धीरज
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