नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले की जांच के तहत झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, उनके पूर्व निजी सचिव और घरेलू सहायक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है तथा चार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी कुर्क की है।
संघीय एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने चार जुलाई को आलमगीर आलम, उनके पूर्व निजी सचिव संजीव कुमार लाल, लाल की पत्नी रीता लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया है।
ईडी ने बताया कि कुर्की के तहत दर्ज इन सभी संपत्तियों का कुल मूल्य 4.42 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने कहा कि रीता लाल को छोड़कर अन्य आरोपियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को रांची में विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया।
इस मामले में लाल और जहांगीर आलम के अलावा कांग्रेस नेता और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने छह मई को संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम के यहां छापेमारी की थी और आलम के नाम पर एक फ्लैट से कुल 32.2 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इस मामले में कुल 37.55 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है, इसके अलावा एक चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन, आभूषण और डिजिटल उपकरण भी बरामद किए गए हैं।
ईडी ने कहा था कि जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जिसका नेतृत्व कभी आलमगीर आलम करते थे।
ईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि ‘‘झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग में निविदा आवंटन के लिए ठेकेदारों से कुल निविदा मूल्य का 3.2 प्रतिशत कमीशन लिया गया, जिसमें (तत्कालीन मंत्री) आलमगीर आलम के लिए लगभग 1.5 प्रतिशत का कमीशन भी शामिल है।’’
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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