नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक से कहा कि वह पड़ोसी राज्य हरियाणा द्वारा यमुना नदी के पानी में जहर मिलाए जाने के अपने दावों के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करें। इसने उन्हें कानूनी प्रावधानों की याद दिलाई, जिसके तहत राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक सद्भाव के खिलाफ ‘‘शरारतपूर्ण’’ बयानों के लिए तीन साल तक के कारावास की सजा हो सकती है।
केजरीवाल को लिखे पत्र में निर्वाचन आयोग ने यमुना नदी के पानी में ‘‘जहर’’ मिलाने के लिए इस्तेमाल किए गए रसायनों की प्रकृति और मात्रा की जानकारी बुधवार रात 8 बजे तक मांगी, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान जा सकती थी, जैसा कि आप प्रमुख ने दावा किया है।
निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल से उनके इस दावे का विवरण साझा करने के लिए भी कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने वास्तव में इसका पता लगाया और समय पर इसे रोक दिया।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप लगाने पर केजरीवाल के खिलाफ निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी आरोप लगाया था कि हरियाणा द्वारा दिल्ली को आपूर्ति किए जा रहे पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में जल आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहा है।
भाषा नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)