रांची में दुर्गा पंडालों से अयोध्या के राममंदिर से लेकर झारखंड तक की कला संस्कृति की झलक |

रांची में दुर्गा पंडालों से अयोध्या के राममंदिर से लेकर झारखंड तक की कला संस्कृति की झलक

रांची में दुर्गा पंडालों से अयोध्या के राममंदिर से लेकर झारखंड तक की कला संस्कृति की झलक

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 04:06 PM IST, Published Date : October 10, 2024/4:06 pm IST

रांची, 10 अक्टूबर (भाषा) रांची में सामुदायिक दुर्गा पूजा पंडालों को देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो रहे हैं क्योंकि इनसे अयोध्या के राममंदिर से लेकर झारखंड की समृद्ध कला एवं संस्कृति की झलक मिल रही है।

रांची के पुराने विधानसभा मैदान में अयोध्या के राममंदिर को दर्शाने वाला पंडाल इस दुर्गा पूजा में भीड़ को आकर्षित कर रहा एक प्रमुख केंद्र है, जहां भव्य मंदिर की प्रतिकृति को देखने के लिए आगंतुकों की कतार लगी रहती है।

श्री रामलला पूजा समिति के महासचिव कुणाल अजमानी ने कहा कि कई श्रद्धालुओं को अब तक भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाने का अवसर नहीं मिला होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां राममंदिर की प्रतिकृति के माध्यम से उनकी इच्छा पूरी करने की कोशिश की है।’’

पंडाल की ऊंचाई करीब 170 फुट और चौड़ाई 120 फुट है और इसमें देवी दुर्गा की 19 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। पूजा समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पंडाल पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

श्रद्धालु अद्रिका भट्टाचार्य ने कहा कि पंडाल बिल्कुल राममंदिर जैसा लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह शहर के साथ-साथ राज्य के सबसे बेहतरीन पंडालों में से एक होगा।’’

आरआर स्पोर्टिंग क्लब दुर्गा पूजा के आयोजकों ने पंडाल को सोहराई पेंटिंग से सजाकर झारखंड की कलात्मक विरासत की खूबसूरती को दर्शाया है।

सोहराई एक आदिवासी पारंपरिक कला है जो जंगल, जानवरों और लोगों जैसे प्रकृति के विषयों पर आधारित होती है और इसे अधिकतर महिलाएं बनाती हैं।

समिति के सदस्य विक्की यादव ने कहा कि झारखंड की कला और संस्कृति का जीवंत चित्रण लोगों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने पंडाल को आकार दिया है।

श्री श्री बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति ने पक्षी संरक्षण के अनूठे विषय पर पंडाल तैयार किया है।

बांस की टहनियों और गमलों का उपयोग करके पक्षियों के घोंसले बनाए गए हैं और विभिन्न पक्षियों के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऐसे समय में पक्षी संरक्षण का संदेश देने का प्रयास किया है, जब विकास के नाम पर शहरों में पक्षियों के आश्रय-पेड़ों को नष्ट किया जा रहा है।

ओसीसी बांग्ला दुर्गा पूजा समिति अपनी स्थापना के 54वें वर्ष का जश्न मना रही है। उसने राजस्थान के एक शाही महल की प्रतिकृति बनाई है और कोलकाता के 30 से अधिक कारीगरों ने इसे भव्य रूप दिया है, जिसमें पिछले दो दिनों में भारी भीड़ देखी गई।

बकरी बाजार में भारतीय युवक संघ द्वारा चित्रित राजस्थान का एक और प्राचीन महल भी पंडाल में आने वालों के बीच प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरा है। रांची रेलवे दुर्गा पूजा समिति ने अपने पंडाल के माध्यम से कोयंबटूर की आदियोगी प्रतिमा को दर्शाया है।

इस बीच, रांची जिला प्रशासन ने कहा कि त्योहार की अवधि के लिए सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है और रणनीतिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, प्रमुख पंडालों में ड्रोन कैमरे भी तैनात किये गए हैं। दुर्गा पूजा के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने और असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए बुधवार को कांके रोड स्थित पुलिस लाइन में एक मॉक ड्रिल किया गया।

रांची शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर 20 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है, अगले दिन से तेरह अक्टूबर तक सुबह 8 बजे से सुबह 4 बजे तक, वहीं विभिन्न मार्गों पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया गया है।

भाषा अमित मनीषा

मनीषा

 

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