डीयू अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने, परिसर में जीवाश्म ईंधन वाहनों का प्रवेश रोकने पर विचार कर रहा |

डीयू अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने, परिसर में जीवाश्म ईंधन वाहनों का प्रवेश रोकने पर विचार कर रहा

डीयू अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने, परिसर में जीवाश्म ईंधन वाहनों का प्रवेश रोकने पर विचार कर रहा

:   Modified Date:  October 11, 2024 / 10:18 AM IST, Published Date : October 11, 2024/10:18 am IST

(सुगंधा झा)

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपना उपग्रह प्रक्षेपित करने, परिसर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रवेश को अनुमति देने और छात्रों के लिए मुफ्त भोजन योजना शुरू करने जैसी महत्वकांक्षी पहलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

ये योजनाएं दिल्ली विश्वविद्यालय के दीर्घकालिक लक्ष्यों का हिस्सा हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय एक निश्चित समयावधि में हासिल करना चाहता है। इन योजनाओं को विश्वविद्यालय की संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) 2024 में दर्शाया गया है।

निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार, वैज्ञानिक अनुसंधान, दूरसंचार, जीपीएस नेविगेशन के साथ दूरस्थ शिक्षा में प्रमुख भूमिका निभाने के मकसद से विश्वविद्यालय का लक्ष्य खुद की उपग्रह प्रणाली स्थापित करना है।

दस्तावेज में कहा गया है कि अगर वित्तीय सीमाएं उत्पन्न होती हैं, तो डीयू इस योजना को हकीकत में बदलने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) जैसे संगठनों से सेवाएं लेने पर विचार कर सकता है।

इसके अलावा, डीयू यहां परिसर में जीवाश्म ईंधन वाहनों को प्रतिबंधित कर शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की योजना के साथ पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि स्वच्छ और हरित पर्यावरण के लिए छात्र मार्ग जैसे क्षेत्रों से शुरुआत करके चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन किया जाएगा।

वहीं डीयू वंचित समुदाय के छात्रों के लिए ‘वर्किंग लंच’ योजना की पहल करने जा रहा है, जिसमें काम के बदले विवि के ‘कैफेटेरिया’ में मुफ्त भोजन मिलेगा।

इन योजनाओं के साथ डीयू विदेशों के विश्वविद्यालयों की तर्ज पर एक ‘‘विश्वविद्यालय हाट’’ बनाने पर भी विचार कर रहा है, जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप द्वारा विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए एक वाणिज्यिक खरीदारी क्षेत्र स्थापित किया जा सके।

संस्थागत विकास योजना को बृहस्पतिवार को अकादमिक परिषद के सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया गया।

भाषा यासिर सुरेश

सुरेश

 

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