जयपुर, 31 जनवरी (भाषा) सोलहवीं सदी के बौद्ध भिक्षु द्रुक्पा कुन्ले को विदेशी पत्रकारीय और पर्यटन संबंधी लेखन में अनुचित रूप से एक ‘अय्याश, औरतबाज और पियक्कड़’ जैसे शब्दों से संबोधित किया गया लेकिन लेखक नीद्रुप जांगपो का कहना है कि कुन्ले इससे कहीं अधिक पेचीदा व्यक्तित्व थे।
जांग्पो ने यहां जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) में कुन्ले पर बातचीत में कहा कि जो जो एक ‘प्रबुद्ध’ व्यक्ति थे जो सभी लौकिक मठ संबंधी संघों की सीमाओं से परे एक विशाल हस्ती थे।
उन्होंने ‘द्रुक्पा कुन्ले : रहस्यमयी दीवाना’ सत्र में बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘वह बहुत ही अलग, गैर पारंपरिक, आक्रामक रूप से व्यवस्था विरोधी थे, जिन्होंने अपना काफी जीवन भूटान में बिताया, गांवों में घूमते रहे और लोगों, महिलाओं, पुरुषों तथा बच्चों को मुक्त करने जैसी तरह-तरह की कहानियां छोड़ गए।’’
कुन्ले, कुंगा लेगपाई जांग्पो, कुंगा लेग्पा, द्रुक का पागल आदमी जैसे नामों से मशहूर कुन्ले 15वीं और 16वीं सदी के एक बौद्ध भिक्षु, मिशनरी और कवि थे।
पश्चिमी तिब्बत में जन्मे कुन्ले को उनके द्रुक्पा नाम के चलते भूटानी मूल का समझे जाने की गलती की जाती है।
हिमालयी देश में उनका जीवन भटकने, शराब पीने और महिलाओं व लड़कियों के साथ सोने तक सीमित था, फिर भी कुनले के जीवन जीने के तरीके और उनकी शिक्षाओं के प्रसार के चलते पश्चिमी पत्रकारों और विदेशी लोगों ने उन्हें गलत समझा।
लेखक शोधकर्ता जांग्पो ने कहा कि उनके साथ सोने वाली अधिकतर महिलाओं को ‘ज्ञान की प्राप्ति हुई’ और उन्हें ‘सतरंगी देह’ कहा जाता है।
भूटान मीडिया फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक और पूर्व पत्रकार जांग्पो ने इस संबंध में एक किताब लिखी है- ‘‘द्रुक्पा कुन्ले : सेक्रेड टेल्स आफ ए मैड मैन’’ जिसमें कुन्ले से संबंधित 33 कहानियां शामिल की गई हैं।
जांग्पो ने जेएलएफ में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा,‘‘अपनी आत्मकथा में उन्होंने कहा, ‘बाजार में लड़कियों की भरमार हो सकती है, लेकिन जिन लड़कियों की मैं इच्छा करता हूं, वे दुर्लभ हैं’, जिसका मतलब है कि वे व्यभिचार नहीं करते थे, उन्होंने उन लड़कियों और महिलाओं को चुना जो आध्यात्मिक रूप से प्रवृत्त थीं और उनमें से कई नन बन गईं। भूटान में उनमें से अधिकांश को ज्ञान की प्राप्ति हुई।’’
इस साल जेएलएफ में नोबेल पुरस्कार विजेता, बुकर पुरस्कार विजेता, पत्रकार, नीति निर्माता और प्रशंसित लेखकों जैसे 300 से अधिक दिग्गज शामिल होंगे। प्रतिभागियों में अभिजीत बनर्जी, एस्तेर डफ्लो, अमोल पालेकर, इरा मुखोटी, गीतांजलि श्री, डेविड हरे, मानव कौल, जावेद अख्तर, राहुल बोस, युवान एवेस, शाहू पटोले और कल्लोल भट्टाचार्य शामिल हैं।
भाषा
नरेश संतोष
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