देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति काफी गंभीर है : एनसीबी प्रमुख | Drug trafficking and consumption situation in the country is very serious: NCB chief

देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति काफी गंभीर है : एनसीबी प्रमुख

देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति काफी गंभीर है : एनसीबी प्रमुख

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : December 30, 2020/12:32 pm IST

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की कम मात्रा में भांग रखने वाले लोगों को पकड़ने के लिए ‘‘आलोचना’’ भले ही की जा सकती है लेकिन यह बड़े तस्करों को मादक पदार्थ बेचने और लोगों की जिंदगी तबाह करने की अनुमति नहीं दे सकता है। यह बात एजेंसी के प्रमुख राकेश अस्थाना ने कही है।

उन्होंने ‘ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल’ की तरफ से आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में कहा कि देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति ‘‘अत्यंत गंभीर’’ है।

अस्थाना ने मंगलवार को कहा, ‘‘मादक पदार्थों की तस्करी के परिप्रेक्ष्य में भारत ‘गोल्डन क्रिसेंट’– पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान तथा ‘गोल्डन ट्राएंगल’– म्यामां, लाओस और थाईलैंड के बीच में स्थित है। वास्तव में इसे मौत का क्रिसेंट और मौत का ट्राएंगल (के बीच फंसा होना) कह सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया की 95 फीसदी हेरोइन का उत्पादन इन दो इलाकों में होता है। देश में म्यामां और पाकिस्तान-अफगानिस्तान की तरफ से हेरोइन भेजी जाती है…पूरा पूर्वोत्तर और उत्तर पश्चिम बुरी तरह प्रभावित है। जितना धन (नशा तस्करी से) अर्जित किया जाता है वह बहुत ज्यादा है।’’

उन्होंने कहा कि देश में नशे की समस्या ‘‘बहुत बड़ी’’ है और जब तक राज्य की एजेंसियां साथ नहीं देतीं तब तक केवल केंद्रीय एजेंसी अकेले इससे नहीं निपट सकती है।

एनसीबी प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी काफी आलोचना होती है कि हम लोगों से कम मात्रा में भांग क्यों पकड़ रहे हैं। समस्या कम या बड़ी मात्रा की नहीं है। समस्या यह है कि इन तस्करों या माफिया को हम उनका मादक पदार्थ बेचने की खुली जगह दे रहे हैं…यह जटिल समस्या है और समाधान बहुत सरल नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘केवल यही बात है कि हमें इस बारे में गंभीर होना चाहिए। हम राज्य पुलिस एजेंसियों को इस समस्या के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं और आपूर्ति रोकने के लिए उनसे अभियान चलाने को कह रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अगर गंभीरता से काम किया जाए और सामूहिक एवं समन्वित तरीके से काम किया जाए तो निश्चित तौर पर समस्या का समाधान हो जाएगा।

एनसीबी की हाल में कम मात्रा में मादक पदार्थ रखने वालों को पकड़ने के लिए आलोचना की जाती रही है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संघीय एजेंसी को अवैध व्यापार में संलिप्त बड़े गिरोहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अस्थाना ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2018-19 में किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि दुनिया में अफीम, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों का सबसे ज्यादा उपभोग भारत में होता है।

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा

 

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