जयपुर, 27 जनवरी (भाषा) राजस्थान में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जारी राज्यव्यापी अभियान के तहत आवश्यकता होने पर बड़े खनन क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे करवाया जाएगा ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राज्य खान सचिव ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश जारी किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ चलाये जा रहे राज्यव्यापी अभियान में बड़े खनन क्षेत्रों में आवश्यकता होने पर ड्रोन के माध्यम से सर्वें कराकर अवैध खनन गतिविधियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में राज्यव्यापी संयुक्त अभियान के तहत अवैध खनन गतिविधियों के स्रोत को ही समाप्त करने पर जोर दिया गया ताकि इस अवैध खनन गतिविधियों पर प्रभावी रोक लग सके।
खान सचिव आनन्दी ने खान विभाग के अधिकारियों से इस बाबत डिजिटल तरीके से बैठक की।
उन्होंने खातेदारी भूमि ( जिन लोगों के पास खेती के लिए जमीन नहीं होती, उन्हें सरकार जमीन आवंटित करती है।) पर हो रहे अवैध खनन के मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 177 में कार्रवाई कर राजस्व अधिकारियों को खातेदारी निरस्तीकरण के प्रस्ताव भेजने को कहा।
बैठक में बताया गया कि अकेले भीलवाड़ा में ही खातेदारी पर अवैध खनन के 70-75 मुकदमे चिन्हित कर राजस्व अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं। वहीं अन्य स्थानों पर भी इस तरह के मुकदमे तैयार कर राजस्व अधिकारियों को भेजने को कहा गया।
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से लगते सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन और परिवहन की प्रभावी जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा अवैध खनन को पूरी तरह से रोकना है और अधिकारियों को सरकार की इस मंशा का समझते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी।
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