मुंबई : DRDO scientist Pradeep Kurulkar : DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को लेकर एक बड़ा खुलसा हुआ है। कुरुलकर DRDO में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत हैं और उन पर आरोप है कि उन्होंने हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराई। इस मामले में महाराष्ट्र ATS ने DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को पुणे से गिरफ्तार किया था।
DRDO scientist Pradeep Kurulkar : इस मामले के आरोप पत्र में कहा गया है कि DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी महिला एजेंट के प्रति आकर्षित थे। उस महिला एजेंट ने अपना नाम ‘जारा दासगुप्ता’ बताया था। आरोप पत्र के अनुसार, पाकिस्तान की एजेंट ने साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर से डिफेंस प्रोजेक्ट के अलावा भारतीय मिसाइल सिस्टम के बारे में बात की थी।
महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की लैब के निदेशक कुरुलकर के खिलाफ पिछले हफ्ते कोर्ट अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। कुरुलकर को 3 मई को आधिकारिक गोपनीयता एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। अब कुरुलकर न्यायिक हिरासत में हैं।
आरोप पत्र में कहा गया है कि कुरुलकर और जारा दासगुप्ता वॉट्सएप मैसेजिंग के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में थे। जारा दासगुप्ता ने खुद को ब्रिटेन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया था। उसने साइंटिस्ट को अश्लील मैसेज और वीडियो भी भेजे थे।
DRDO scientist Pradeep Kurulkar : एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि जब इस मामले की जांच की गई तो उसका आईपी एड्रेस पाकिस्तान का निकला। साइंटिस्ट को हनीट्रैप में फंसाने वाली पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य चीजों के बारे में संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
आरोप पत्र में कहा गया है कि कुरुलकर पाकिस्तानी एजेंट के प्रति आकर्षित थे। कुरुलकर ने डीआरडीओ की संवेदनशील जानकारी अपने फोन में ले ली और फिर कथित तौर पर जारा के साथ शेयर की। कुरुलकर ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (SAM), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर्स और यूसीवी सहित कई प्रोजेक्ट के बारे में बातचीत की।
DRDO scientist Pradeep Kurulkar : एटीएस के मुताबिक, साइंटिस्ट कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा जांच शुरू करने से ठीक पहले कुरुलकर ने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद एक अन्य Unknown भारतीय नंबर से एक वॉट्सएप पर मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था, ‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया।’
आरोप पत्र में कहा गया है कि चैट रिकॉर्ड से यह भी पता चला है कि कुरुलकर ने अपने पर्सनल कार्यक्रम और जगहों के बारे में भी जानकारी एजेंट से शेयर की थी, यह जानते हुए भी कि वे जानकारियां किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए थीं।