नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘स्क्रैमजेट कम्बस्टर’ का सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है, जिससे हाइपरसोनिक मिसाइलों में अभियानगत उपयोग के लिए इसकी क्षमता का पता चलता है।
रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने लंबी अवधि की सुपरसोनिक दहन रैमजेट या स्क्रैमजेट संचालित हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने की पहल की है।
इसने कहा कि डीआरडीएल ने हाल ही में इन प्रौद्योगिकियों को विकसित किया है और भारत में पहली बार 120 सेकंड के लिए अत्याधुनिक सक्रिय ‘कूल्ड स्क्रैमजेट कम्बस्टर’ जमीनी परीक्षण का प्रदर्शन किया है।
मंत्रालय ने कहा कि सफल जमीनी परीक्षण ‘‘अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर’’ है।
हाइपरसोनिक मिसाइल उन्नत अस्त्रों की श्रेणी में आती हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना या 5,400 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलती हैं। इन उन्नत अस्त्रों में मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों से बचने और तेजी से तथा उच्च प्रभाव वाले हमले करने की क्षमता होती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्क्रैमजेट इंजन के सफल जमीनी के लिए डीआरडीओ और उद्योग जगत को बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उपलब्धि अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक अभियानों के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने भी डीआरडीएल टीम और संबंधित उद्योग को बधाई दी।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)