हमें ज्ञान मत दीजिए, सहयोगियों पर लगे आरोपों का जवाब दीजिए: कांग्रेस |

हमें ज्ञान मत दीजिए, सहयोगियों पर लगे आरोपों का जवाब दीजिए: कांग्रेस

हमें ज्ञान मत दीजिए, सहयोगियों पर लगे आरोपों का जवाब दीजिए: कांग्रेस

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Modified Date: September 11, 2024 / 03:45 PM IST
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Published Date: September 11, 2024 3:45 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 11 सितंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के बीच गठजोड़ के आरोपों को सिरे से खारिज किये जाने के एक दिन बाद कांग्रेस ने बुधवार को विजयन से विपक्ष को ज्ञान देने के बजाए उनसे अपने करीबी सहयोगियों, आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी एडीजीपी एम आर अजीत कुमार और सचिव पी शशि के खिलाफ लगे आरोपों पर जवाब देने का आग्रह किया।

कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास की जानकारी रखने वाले राज्य के लोग विजयन के इस दावे को खारिज कर देंगे कि केरल में आरएसएस का विरोध मार्क्सवादी पार्टी ने किया था और कांग्रेस की इसमें कोई भूमिका नहीं थी।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने विजयन से सात सवाल पूछे और वामपंथी नेता पर स्पष्ट जवाब दिए बिना लुका-छिपी का खेल खेलने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, “पिनराई विजयन और माकपा का आरएसएस के साथ संबंध जगजाहिर है।”

नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या वरिष्ठ वामपंथी नेता ई.पी. जयराजन को एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) संयोजक पद से इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी?

उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा है तो क्या मुख्यमंत्री विजयन को पहले नहीं हटाया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि वे जावड़ेकर से कई बार मिले हैं?

सतीशन ने कहा कि एडीजीपी को बचाकर सरकार आम जनता को क्या संदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि एडीजीपी नियमित रूप से आरएसएस नेताओं से मिलते हैं और उनसे बातचीत करते हैं। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि एडीजीपी और उनके राजनीतिक सचिव के खिलाफ लगे गंभीर आरोप सही हैं या नहीं?

सतीशन ने आईपीएस अधिकारी और आरएसएस नेताओं तथा मौके पर मौजूद अन्य लोगों के बीच हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा।

सतीशन ने विजयन पर वर्ष 1977 में आरएसएस के समर्थन से विधानसभा चुनाव जीतने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक सचिव और एडीजीपी पर लगे गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री इतिहास को तोड़-मरोड़ कर ज्ञान दे रहे हैं।

सतीशन ने कहा कि विपक्ष के सवाल बिल्कुल स्पष्ट हैं।

सतीशन ने विजयन के आरोपों को खारिज करते हुए 2013 में भारतीय विचार केंद्रम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी को उचित ठहराया और कहा कि न केवल वह बल्कि माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन भी संगठन द्वारा आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

उन्होंने कहा, “ देश में भाजपा और आरएसएस का विरोध कांग्रेस ही करती है। केरल के मुख्यमंत्री कांग्रेस के बिना किस तरह के फासीवाद विरोधी संघर्ष की बात कर रहे हैं? कांग्रेस को संघ परिवार से लड़ने के लिए पिनराई विजयन के ज्ञान की जरूरत नहीं है। ”

विजयन ने मंगलवार को कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया था कि सत्तारूढ़ माकपा नीत वामपंथी सरकार का आरएसएस के साथ गठजोड़ है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज किया जाता है।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)