रायपुर। शास्त्रों के अनुसार बृहस्पति देव देवताओं के गुरु माने जाते हैं। सप्ताह का यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। कहते हैं सच्चे मन से जो लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
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भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी परेशानियां नहीं आती हैं, हालांकि भगवान विष्णु की पूजा के लिए कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको इस दिन खाने से बचना चाहिए।
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क्या करें..
सूर्य उदय होने से पहले शुद्ध होकर भगवान श्री हरि विष्णु के समक्ष गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. पीली चीजों का दान कर सकते हैं। केले के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए। गुरु के 108 नामों का उच्चारण करना चाहिए ऐसा करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण होती है। इस दिन केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करना बहुत शुभ होता है।इससे घर में सुख-शांति आती है और आरोग्यता मिलती है।
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ये न करें..
गुरुवार के दिन केले के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को भोग लगाने के बाद केले को दान कर देना चाहिए, लेकिन व्रती या फिर पूजन करने वाले लोगों को इस दिन केला नहीं खाना चाहिए।
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गुरुवार के दिन खिचड़ी भी नहीं खानी चाहिए। मान्यता है कि गुरुवार को घर में खिचड़ी बनती है या फिर इसे खाते हैं, तो धन की हांनि होती है और दरिद्रता आ सकती है। वहीं गुरुवार के दिन घर में कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।
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