डॉक्टरों ने ‘चीनी मांझे’ के खतरे के प्रति आगाह किया, दो घायल मरीजों की सर्जरी हुई |

डॉक्टरों ने ‘चीनी मांझे’ के खतरे के प्रति आगाह किया, दो घायल मरीजों की सर्जरी हुई

डॉक्टरों ने ‘चीनी मांझे’ के खतरे के प्रति आगाह किया, दो घायल मरीजों की सर्जरी हुई

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 PM IST
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Published Date: August 5, 2022 6:02 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के एक शीर्ष निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने शुक्रवार को ‘चीनी मांझे’ के संभावित खतरों के प्रति आगाह किया। उन्होंने दो महिला मरीजों का उदाहरण दिया, जो सड़क पर दुर्घटनावश चीनी मांझे की चपेट में आने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और जिनकी जान बचाने के लिए हाल ही में सर्जरी की गई ।

इनमें से एक विद्यावती (61) पूर्वी दिल्ली में दोपहिया वाहन चला रही थीं, तभी उन्हें अपने गले पर चीनी मांझा महसूस हुआ। विद्यावती की सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि चीनी मांझे से हुआ जख्म इतना गहरा था, मानो ‘उनका गला चाकू से रेता गया हो।’

पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विद्यावती के साथ जीवनरक्षक सर्जरी से गुजरने वाली दूसरी मरीज उषा रंजन (54) ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस सम्मेलन को डॉ. मनोज के जौहर ने भी संबोधित किया, जिन्होंने दोनों महिलाओं की सर्जरी करने वाली चिकित्सकीय टीम का नेतृत्व किया था।

चीनी मांझे के खतरों को रेखांकित करने के साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद बड़े पैमाने पर हो रही इनकी कथित बिक्री पर भी प्रकाश डाला।

डॉक्टरों ने बताया कि विद्यावती जब दोपहिया चला रही थीं, तब उन्हें अपनी गर्दन पर एक धागा महसूस हुआ और अगले ही पल वह ‘असहनीय दर्द से कराह उठीं और काफी तेज खून भी बहने लगा।’

अस्पताल ने बाद में एक बयान जारी कर कहा, “कुछ राहगीर और पुलिस कर्मी विद्यावती की मदद को आगे आए। वे उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां पता चला कि उनकी गर्दन पर गहरा जख्म हुआ है। विद्यावती को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित करने की सलाह दी गई। इसके बाद उन्हें पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया।”

अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जौहर ने कहा, “विद्यावती की गर्दन पर गहरा जख्म था। भारी मात्रा में खून बह जाने के कारण उनकी हालद बेहद नाजुक थी। विद्यावती की गर्दन इस कदर जख्मी हुई थी कि उनकी तुरंत आपातकाल जीवनरक्षक सर्जरी करने की जरूरत थी। तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं और मांसपेशियों की सर्जरी के बाद विद्यावती की गर्दन सिलते हुए उनकी प्लास्टिक सर्जरी की गई। वह शारीरिक रूप से ठीक हो रही हैं, लेकिन मानसिक रूप से इस हादसे के दर्द से उबरने में उन्हें समय लगेगा।”

डॉक्टरों के मुताबिक, ठीक होने के बावजूद विद्यावती को ऐसे हादसे के दोबारा होने का डर है और उन्होंने संबंधित अधिकारियों से ‘चीनी मांझे’ की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

भाषा पारुल नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)