चिकित्सक हत्या: जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी, पुलिस को बुधवार तक का समय दिया |

चिकित्सक हत्या: जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी, पुलिस को बुधवार तक का समय दिया

चिकित्सक हत्या: जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी, पुलिस को बुधवार तक का समय दिया

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Modified Date: August 13, 2024 / 01:47 PM IST
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Published Date: August 13, 2024 1:47 pm IST

कोलकाता, 13 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध और उसे न्याय दिलाने की मांग को लेकर जूनियर चिकित्सक मंगलवार को भी हड़ताल पर हैं।

चिकित्सकों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। मंगलवार को सुबह से ही सभी सरकारी चिकित्सालयों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। वरिष्ठ डाक्टर, जूनियर डाक्टरों की जगह काम कर रहे हैं।

महिला चिकित्सक की हत्या की मजिस्ट्रेट जांच और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे एक जूनियर चिकित्सक ने कहा, ‘‘जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक काम बंद और विरोध जारी रहेगा। हम अपनी मांगों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं। हम घटना की न्यायिक जांच चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें रविवार तक का वक्त क्यों चाहिए? हम पुलिस से बुधवार तक अपनी जांच पूरी करने की मांग कर रहे हैं।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मृतका के माता-पिता से मुलाकात करने के बाद कोलकाता पुलिस को मामला सुलझाने के लिए 18 अगस्त तक की समयसीमा दी और कहा कि जांच पूरी नहीं होने पर वह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप देंगी।

शुक्रवार की सुबह अस्पताल के ‘सेमिनार हॉल’ में एक महिला चिकित्सक का शव मिला था और इस अपराध के सिलसिले में शनिवार को एक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था।

रविवार तक जूनियर चिकित्सक आपातकालीन ड्यूटी पर थे, लेकिन सोमवार को सुबह से उन्होंने पूरी तरह से कार्य बंद कर हड़ताल शुरू कर दी।

राज्य सरकार ने ओपीडी समेत अस्पताल में बढ़ती रोगियों की संख्या को देखते हुए सभी वरिष्ठ चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

विभिन्न अस्पतालों में सर्जरी के लिए भर्ती होने आए मरीजों को वैकल्पिक तिथियां लेने के बाद घर लौटना पड़ा।

विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अस्पताल के प्राचार्य संदीप घोष ने सोमवार सुबह त्यागपत्र दे दिया। लेकिन उन्हें कलकत्ता राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में स्थानांतरित कर दिया गया।

जूनियर चिकित्सकों, प्रशिक्षुओं और अन्य कार्मिकों ने घोष का सीएनएमसी में स्थानांतरण किए जाने पर विरोध जताया और सोमवार रात को ‘चैंबर’ के दरवाजे पर ताला जड़ दिया।

आंदोलनकारी एक जूनियर चिकित्सक ने कहा, ‘‘हम संदीप घोष जैसे व्यक्ति को सीएनएमसी का प्रभार नहीं संभालने देंगे। हम इस पदस्थापना को लेकर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। हम उन्हें सीएनएमसी में प्रवेश नहीं करने देंगे।’’

प्राचार्य कार्यालय को घेरे हुए चिकित्सकों ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और एंटाली के विधायक तथा मेडिकल कॉलेज की रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष स्वर्ण कमल साहा और राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान से भी बात करने से इनकार कर दिया। ये सब नेता सुबह वहां पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने साहा और खान को तुरंत अस्पताल परिसर से वापस जाने को कहा।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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