नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) दोनों ने 2024 में शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे को नये आयाम पर पहुंचाने में उल्लेखनीय प्रगति की।
डीएमआरसी ने चौथे चरण के निर्माण के तहत छतरपुर तथा छतरपुर मंदिर के बीच 865 मीटर लंबी सुरंग और पहली जुड़वां सुरंगों का काम पूरा करने सहित कई प्रमुख सफलताएं हासिल कीं, जबकि एनसीआरटीसी ने दो प्रमुख खंडों पर यात्री सेवाएं शुरू कीं, महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए और जर्मन राजदूत ने नमो भारत ट्रेन का सफर कर सराहना की।
इन प्रगतियों के बावजूद, इस वर्ष एक दुखद घटना ने डीएमआरसी की छवि पर दाग भी लगाया।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में आठ फरवरी को पिंक लाइन पर गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन का एक हिस्सा ढह गया, जिसके चलते 53 वर्षीय एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी और चार अन्य घायल हो गए।
इस घटना के बाद डीएमआरसी ने स्टेशनों का गहन निरीक्षण किया और पांच मेट्रो स्टेशन पर कंक्रीट के ढांचे हटाकर स्टेनलेस स्टील की रेलिंग लगाने सहित पिंक लाइन पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए।
इस साल की शुरुआत डीएमआरसी के लिए शानदार रही, जब सात फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेट्रो से सफर किया। चार मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के लिए दो नए कॉरिडोर – इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ (12.377 किमी) और लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक (8.385 किमी) को मंजूरी दी।
जुलाई में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने कहा कि वे दक्षता बढ़ाने के लिए ट्रेनों के रखरखाव और भीड़ प्रबंधन के लिए चौथे चरण की परियोजनाओं में कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।
दिल्ली मेट्रो, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भारतीय रेल की मुख्य लाइन के यात्रियों और मेट्रो के यात्रियों को निर्बाध यात्रा का
अनुभव कराने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव के वास्ते 10 जुलाई को हाथ मिलाया।
इसका उद्देश्य दिल्ली मेट्रो रेल के क्यूआर कोड-आधारित टिकट की शुरुआती सुविधा को प्रारंभ करके सरकार की ‘एक भारत – एक टिकट’ पहल को बढ़ावा देना था।
तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर छतरपुर तथा छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच 865 मीटर लंबी सुरंग का काम 21 अगस्त को पूरा करने के साथ डीएमआरसी ने चौथे चरण के निर्माण में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
डीएमआरसी ने चौथे चरण के निर्माण के तहत पहली जुड़वां सुरंग का निर्माण 18 सितंबर को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इसके अतिरिक्त, 21 अगस्त को डीएमआरसी और एनसीआरटीसी के बीच एक एकीकृत क्यूआर-टिकटिंग प्रणाली के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे यात्री एक ही मंच पर नमो भारत और दिल्ली मेट्रो दोनों के लिए क्यूआर कोड टिकट ले सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के कॉरिडोर पर संचालन के लिए पहली ट्रेन 15 नवंबर को दिल्ली पहुंच गई। इस वर्ष 18 नवंबर को दिल्ली मेट्रो के इतिहास में नया कीर्तिमान जुड़ गया, जब एक दिन में दिल्ली मेट्रो से 78.67 लाख यात्रियों ने सफर किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 20 अक्टूबर को भारत के पहले दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। शुरुआत में साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर का प्राथमिकता वाला खंड शुरू किया गया।
इसके बाद छह मार्च 2024 को मोदी नगर उत्तर तक 17 किलोमीटर का अतिरिक्त खंड खोला गया, जिसे बाद में मेरठ दक्षिण तक बढ़ा दिया गया।
नमो भारत ट्रेन में अब तक 50 लाख से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं। नमो भारत कॉरिडोर के विभिन्न स्टेशनों पर 8,000 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग सहित कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
एनसीआरटीसी ने टिकट प्राप्त करने के विकल्पों को सुव्यवस्थित करने के लिए कई प्रमुख समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।
इस वर्ष एक उल्लेखनीय पहल में एनसीआरटीसी ने महिला सशक्तीकरण की अपनी प्रतिबद्धता के तहत गाजियाबाद में ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में 18 से 35 वर्ष की आयु की 500 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य उन्हें ड्राइविंग कौशल से लैस करके उनकी आजीविका में सुधार करना था।
वर्ष के दौरान, भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने नमो भारत ट्रेन की सवारी की, जबकि ‘एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक’ (एआईआईबी) और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने परियोजना की प्रगति जांचने के लिए कॉरिडोर का दौरा किया।
एनसीआरटीसी ने निर्माण में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जिसके तहत मेरठ मेट्रो के मौजूदा खंड में 23 किलोमीटर का हिस्सा जुड़ने जा रहा है, जिसमें 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड और पांच किलोमीटर भूमिगत होगा। इस हिस्से में 13 स्टेशन होंगे, जिनमें से नौ एलिवेटेड, तीन भूमिगत और एक जमीन स्तर पर होगा, जो डिपो स्टेशन के रूप में काम करेगा।
भाषा खारी नरेश दिलीप
दिलीप
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