डीएमआरसी अपने चौथे चरण के विस्तार के तहत 40 किमी भूमिगत गलियारों का कर रहा है निर्माण

डीएमआरसी अपने चौथे चरण के विस्तार के तहत 40 किमी भूमिगत गलियारों का कर रहा है निर्माण

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Modified Date: December 11, 2024 / 11:10 AM IST
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Published Date: December 11, 2024 11:10 am IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) अपने चौथे चरण के विस्तार के तहत 40 किलोमीटर से अधिक के भूमिगत गलियारों का निर्माण कर रहा है जो पांच विभिन्न गलियारों में विकसित की जा रही कुल लाइनों का करीब आधा हिस्सा है। निगम के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

निगम चौथे चरण में कुल 27 भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कर रहा है।

अधिकारी ने कहा कि डीएमआरसी पहले ही जनकपुरी पश्चिम से कृष्णापार्क तक दो करीब दो किलोमीटर के भूमिगत खंड के निर्माण का कार्य पूरा कर चुका है जो ‘मैंजेंटा लाइन’ का विस्तार है।

दिल्ली मेट्रो अपने चौथे चरण के तहत 40.109 किलोमीटर नए भूमिगत गलियारे का निर्माण कर रही है। इस चरण में पांच अलग-अलग गलियारों में लगभग 86 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई जा रही हैं।

अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती है क्योंकि भूमिगत गलियारे विभिन्न भू-स्तरों से होकर गुजर रहे हैं जैसे कि सदर बाजार, नबी करीम, महरौली बदरपुर रोड, अजमल खान पार्क, नई दिल्ली आदि में भीड़भाड़ वाले आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्र।

अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर डीएमआरसी पारंपरिक ‘कट-एंड-कवर’ तकनीक का उपयोग करके भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का निर्माण करता है, जबकि सुरंगों का निर्माण ‘टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम)’ की मदद से किया जाता है।

उन्होंने बताया कि टीबीएम एक ऐसी मशीन है जिसका इस्तेमाल मिट्टी और चट्टानों की विभिन्न परतों में गोल ‘क्रॉस-सेक्शन’ वाली सुरंगें खोदने के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन्हें कठोर चट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज़ को भेदने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि तुगलकाबाद के पास एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे पर एक छोटा सा हिस्सा भी ‘एनएटीएम तकनीक’ (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) का उपयोग करके बनाया जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि सुरंग बनाने की इस पद्धति का इस्तेमाल पहले भी निगम द्वारा बड़ी सफलता के साथ किया गया है।

भाषा राजकुमार मनीषा

मनीषा

 

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