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नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के सांसदों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लोकसभा में की गई एक टिप्पणी पर विरोध जताते हुए और उनसे माफी मांग करते हुए मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
द्रमुक सांसदों के इस प्रदर्शन में तमिलनाडु के कांग्रेस सांसद भी शामिल हुए। प्रदर्शन कर रहे इन विपक्षी सांसदों ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे।
द्रमुक सांसद कनिमोझी ने कहा, ‘‘शिक्षा मंत्री ने तमिल लोगों की भावनाओं को आहत किया। हमने माफी की उम्मीद की थी। लेकिन उनके शब्दों को सिर्फ कार्यवाही से हटाया गया। द्रमुक ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह तमिलनाडु सरकार का पैसा रोके।
कनिमोझी ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि मंत्री माफी मांगेंगे और केंद्र सरकार पैसा जारी करेगी।’’
तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने द्रमुक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधान को माफी मांगनी चाहिए या फिर उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस द्रमुक का पूरा समर्थन करती है। जिस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया गया, उसकी उम्मीद एक मंत्री से नहीं की जाती।’’
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और तीन भाषाओं की नीति को लेकर लोकसभा में सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और द्रमुक के बीच तीखा आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला था। प्रधान ने द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने तथा नयी शिक्षा नीति (एनईपी) पर अपने रुख से पलटने का आरोप लगाया था, वहीं राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि उसे नई शिक्षा नीति और तीन भाषाओं का फार्मूला मंजूर नहीं है।
लोकसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान पीएमश्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना को लेकर द्रमुक सांसद टी सुमति के पूरक प्रश्न पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए एक शब्द का इस्तेमाल किया जिसको लेकर द्रमुक सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
प्रधान ने लोकसभा में द्रमुक सदस्यों के विरोध के बीच, अपने वक्तव्य से एक शब्द वापस ले लिया और आसन ने भी इस शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया।
भाषा हक
हक मनीषा
मनीषा
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