चेन्नई, 19 जुलाई (भाषा) द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने की अपील करते हुए शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया।
देश में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), लागू हो चुके हैं जिन्होंने ब्रिटिशकालीन कानूनों-भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
न्यायमूर्ति एस.एस. सुन्दर और न्यायमूर्ति एन सेंथिल कुमार की खंडपीठ के समक्ष द्रमुक के संगठन सचिव आर.एस. भारती द्वारा दायर याचिका सुनवाई के लिए आई। पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिसका जवाब चार सप्ताह के भीतर देना होगा।
याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार ने तीनों विधेयक पेश किए और बिना किसी सार्थक चर्चा के उन्हें संसद से पारित करा लिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी ठोस बदलाव के बिना केवल धाराओं में फेरबदल अनावश्यक है और इससे प्रावधानों की व्याख्या के संबंध में काफी असुविधा और भ्रम पैदा होगा।
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