प्रयागराज, आठ नवंबर (भाषा) महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं को खानपान की दुकानें आवंटित नहीं करने की अखाड़ा परिषद की मांग के संदर्भ में सांसद डिंपल यादव द्वारा दिए गए बयान को दुखद बताते हुए अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को कहा कि बहन डिंपल स्वयं उत्तराखंड से हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि बड़ी संख्या में साधु-संत उत्तराखंड से इस मेले में आते हैं।
यहां पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सभागार में शुक्रवार को बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, ‘‘हमें इस बात का दुख है कि हमारे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल ने गलत बातें कही हैं, जबकि वह स्वयं उत्तराखंड से हैं।’’
उल्लेखनीय है कि डिंपल यादव ने अखाड़ा परिषद की मांग पर कहा था, “ये लोग गंगा-जमुनी तहजीब को मिटाना चाहते हैं। ये लोग धर्मनिरपेक्षता के तानेबाने को तहस नहस करना चाहते हैं। ये लोग नहीं चाहते कि देश संविधान से चले।”
महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “बहन डिंपल उत्तराखंड की रहने वाली हैं जहां 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। डिंपल ने गैर सनातनियों को दुकानें आवंटित नहीं करने की अखाड़ा परिषद की मांग का विरोध किया है जो गलत है।”
महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “बहन डिंपल को सोचना चाहिए कि उत्तराखंड के जंगलों में तपस्या करने वाले साधु-संतों को जब कुंभ मेले में कोई थूक मिली चीजें खिलाएगा, गंदी चीजें खिलाएगा तो क्या उन्हें बर्दाश्त होगा। इसलिए हमने मांग की है गैर सनातनियों को खाने-पीने की वस्तुओं की दुकानें ना आवंटित की जाएं।”
भाषा राजेंद्र मनीषा संतोष
संतोष
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