Dimple yadav on congress: अखिलेश और ममता ने छोड़ा राहुल गांधी को अकेला!.. मोदी सरकार का विरोध करने से किया साफ इंकार, कहा- 'हम नहीं इनके साथ' |

Dimple yadav on congress: अखिलेश और ममता ने छोड़ा राहुल गांधी को अकेला!.. मोदी सरकार का विरोध करने से किया साफ इंकार, कहा- ‘हम नहीं इनके साथ’

विपक्षी दलों के कुछ नेताओं को लगता है कि उनकी रणनीतियां भाजपा के खिलाफ प्रभावी नहीं हो रही हैं, जिससे असहमति बढ़ रही है।

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Modified Date: December 11, 2024 / 07:11 PM IST
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Published Date: December 11, 2024 7:11 pm IST

नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों में लगातार मिल रही हार के बाद क्या इंडिया गठबंधन बिखर रहा है? क्या कभी एक साथ मिलकर पीएम मोदी को चुनौती देने वाले विपक्षी नेताओं का मनोबल हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से टूट चुका है और उनके बीच विश्वास की कमी हो गई है? (Dimple Yadav refuses to support Congress in Parliament) और क्या पीएम मोदी के खिलाफ शुरू हुआ विपक्षी आंदोलन क्षत्रपों की वजह से ठंडा पड़ने वाला हैं?

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नहीं मिला सपा का साथ

यह सभी सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी और टीएमसी के नेता राहुल गाँधी की क्षमता पर सवाल उठा रहे थे तो वही अब संसद के भीतर भी राहुल गांधी और कांग्रेस को अपने ही सहयोगी दलों के नेताओं का समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है। मामला अडानी के मुद्दे को लेकर संसद ठप्पा रहें से जुड़ा है। इस पर पहले टीएमसी और अब समाजवादी पार्टी की ओर से चौंकाने वाला बयान सामने आया है।

‘चलना चाहिए सदन’ : सपा

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी न तो भाजपा द्वारा कांग्रेस के खिलाफ उठाए गए सोरोस मुद्दे के साथ है और न ही कांग्रेस द्वारा उठाए गए अडानी मुद्दा के साथ है। (Dimple Yadav refuses to support Congress in Parliament) उन्होंने कहा कि सदन चलना चाहिए। डिंपल यादव ने संवाददाताओं से कहा कि सदन चल रहा है। यह आज चालू था और हमें उम्मीद है कि यह चलता रहेगा। हम न तो सोरोस मुद्दे के साथ हैं और न ही अदानी मुद्दे के साथ। हमारा मानना ​​है कि सदन चलना चाहिए।

अब प्वाइंट्स में समझे इंडया गठबंधन के सियासत को

  • इंडिया गठबंधन में सपा और टीएमसी का रुख राहुल गांधी के प्रति क्या है?
    सपा और टीएमसी ने हालिया मुद्दों पर राहुल गांधी और कांग्रेस का समर्थन करने से परहेज किया है। विशेष रूप से अडानी मुद्दे पर इन दलों ने अलग रुख अपनाया है।
  • क्या इंडिया गठबंधन में दरारें आ रही हैं?
    हालिया बयानों और संसद में सहयोग की कमी से संकेत मिलते हैं कि इंडिया गठबंधन में आपसी तालमेल की कमी हो सकती है।
  • क्या हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने इंडिया गठबंधन को कमजोर किया है?
    भाजपा की प्रचंड जीत ने गठबंधन के मनोबल को प्रभावित किया है, जिससे विपक्षी दलों के बीच विश्वास की कमी उभर सकती है।

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Dimple Yadav refuses to support Congress in Parliament

  • राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
    विपक्षी दलों के कुछ नेताओं को लगता है कि उनकी रणनीतियां भाजपा के खिलाफ प्रभावी नहीं हो रही हैं, जिससे असहमति बढ़ रही है।
  • क्या इंडिया गठबंधन पीएम मोदी को चुनौती देने में सक्षम है?
    गठबंधन की सफलता उसकी एकता पर निर्भर है। फिलहाल आपसी असहमति इसे कमजोर बना रही है।

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