(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 24 मार्च (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए संविधान में बदलाव करने के संबंध में अपने द्वारा कोई भी बयान दिए जाने का सोमवार को खंडन किया और दावा किया कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया।
उन्होंने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की भी चेतावनी दी।
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं एक संवेदनशील वरिष्ठ नेता हूं…मैं पिछले 36 वर्षों से विधानसभा में हूं। मेरे पास बुनियादी समझ है। मैंने ऐसा (संविधान बदलने के बारे में)कभी नहीं कहा।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने सामान्य ढंग से कहा कि विभिन्न निर्णयों के बाद बहुत सारे बदलाव होंगे। जो भी आरक्षण दिया गया है, वह पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अनुसार ही है। मैंने कभी नहीं कहा कि हम संविधान बदल देंगे और इस तरह की बातें करेंगे।’’
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने कहा, ‘‘वे जो भी उद्धृत कर रहे हैं, वह गलत है। वे मेरी बात को गलत तरीके से उद्धृत कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट रूप से कह रहा हूं। मैं इस पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाऊंगा। मैं इस मामले को लेकर लड़ूंगा। वे मेरी बात को गलत तरीके से उद्धृत कर रहे हैं।’’
शिवकुमार की यह प्रतिक्रिया उनकी कथित टिप्पणी पर सोमवार को भाजपा के विरोध के चलते लोकसभा की कार्यवाही बाधित होने के मद्देनजर आई।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करने की टिप्पणी किया जाना अस्वीकार्य है।
रीजीजू ने कहा, ‘‘सदन कैसे चुपचाप इसे देख सकता है? कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए…उस व्यक्ति को बर्खास्त किया जाना चाहिए। आप मुसलमानों को आरक्षण देने का दावा करते हैं और बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर एवं संविधान की एक प्रति जेब में रखने का नाटक करते हैं।’’
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
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