देश में अप्रवासियों के लिए बनाया जाता है डिटेंशन सेंटर्स, जानिए यह जेल से कैसे होते हैं अलग | Detention centers are made for immigrants in the country

देश में अप्रवासियों के लिए बनाया जाता है डिटेंशन सेंटर्स, जानिए यह जेल से कैसे होते हैं अलग

देश में अप्रवासियों के लिए बनाया जाता है डिटेंशन सेंटर्स, जानिए यह जेल से कैसे होते हैं अलग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : December 26, 2019/1:33 pm IST

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बीच अब विपक्ष ने मोदी सरकार पर देश में डिटेंशन सेंटर बनवाने का आरोप लगाया है। वहीं डिटेंशन सेंटर्स को लेकर लोगों में यह भी अफवाह फैलाई जा रही है कि मुस्लिमों को कुछ चिन्हित जगहों पर भेजा जाएगा। इसे लेकर फिर से राजनीतिक बयान बाजी शुरू हो गया है।

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बता दें कि डिटेंशन सेंटर्स खोलने को लेकर कई तरह की बातें चल रही है। वहीं आपको बता दें कि किसी भी देश में डिटेंशन सेंटर्स अवैध रुप से रह रहे अप्रवासियों के लिए बनाए जाते हैं, जिनहें ट्रिब्यूनल या अदालतें विदेशी घोषित कर देती हैं।

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विदेश कानून 1946 के सेक्शन 3(2)(C) में केंद्र सरकार के पास भारत में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को उनके देश भेजने का अधिकार है। इसके अलावा राज्य भी डिटेंशन सेंटर्स को स्थापित कर सकते हैं। वहीं, डिटेंशन सेंटर्स में वह लोग रहते हैं जो इस फैसले का इंतजार कर रहे होते हैं कि वह देश में रह पाएंगे या नहीं। डिटेंशन सेंटर्स में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा सारी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

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देश में दो राज्यों में डिटेंशन सेंटर्स हैं। इसमें असम में 6 और कर्नाटक में 1 सेंटर बनाया गया है। इन्हें जिला जेलों के अंदर बनाया गया है। यह गोलपाड़ा, जोरहाट, तेजपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और कोकराझार में बनाए गए हैं।

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