गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद मोदी ने कभी कोई नकारात्मकता नहीं रखी : शाह |

गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद मोदी ने कभी कोई नकारात्मकता नहीं रखी : शाह

गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद मोदी ने कभी कोई नकारात्मकता नहीं रखी : शाह

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Modified Date: January 16, 2025 / 07:45 PM IST
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Published Date: January 16, 2025 7:45 pm IST

वडनगर(गुजरात), 16 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी कोई नकारात्मकता नहीं रखी और अपनी गरीबी को जरूरतमंदों के प्रति करुणा में बदल दिया तथा लोगों के कल्याण के लिए अथक कार्य किए हैं।

शाह ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने करोड़ों गरीब लोगों को आवास, शौचालय, पानी, गैस और बिजली कनेक्शन, सस्ती कीमतों पर दवाइयां और मुफ्त राशन जैसी विभिन्न सुविधाएं प्रदान कर उनके जीवन को बदल दिया।

गुजरात के दौरे पर आए शाह, मेहसाणा जिले में मोदी के गृहनगर वडनगर में तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इन परियोजनाओं में एक पुनर्विकसित स्कूल भी शामिल है, जहां मोदी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मनोविज्ञान में यह पढ़ाया जाता है कि जिस बच्चे का बचपन गरीबी और अभाव में बीता है, वह नकारात्मकता से प्रेरित होता है। ऐसे बच्चों में विनाशकारी सोच भी विकसित होता है और वे बदले की भावना के साथ बड़े होते हैं। लेकिन, चाय बेचने वाले के एक परिवार में पैदा हुए मोदीजी ने अपनी गरीबी को जरूरतमंद लोगों के प्रति करुणा में बदल दिया।’’

शाह ने कहा, ‘‘जब उस गरीब बच्चे ने राज्य (मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात) और फिर देश की बागडोर संभाली, तो उसके मन में कभी कोई नकारात्मकता नहीं आई। उन्होंने पूरे देश में गरीबों के कल्याण के लिए काम किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी अन्य बच्चे को उस तरह की गरीबी का सामना न करना पड़े, जिसका उन्होंने सामना किया।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीवन के शुरुआती वर्षों में प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद, केवल ईश्वरीय कृपा वाला और प्रतिभाशाली बच्चा ही किसी भी नकारात्मकता को मन में रखे बिना पूरे समाज का कल्याण करने के बारे में सोच सकता है।

वर्ष 1888 में निर्मित स्कूल को अब ‘‘प्रेरणा कॉम्प्लेक्स’’ के रूप में पुनर्विकसित किया गया है, जिसका शाह ने उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने वडनगर में एक पुरातत्व संग्रहालय और एक खेल परिसर का भी उद्घाटन किया।

पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके प्रयासों की बदौलत स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर, जो उनके मुख्यमंत्री बनने के समय 37 प्रतिशत थी, 2014 में घटकर सिर्फ एक प्रतिशत रह गई। उन्होंने गुजरात के लोगों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को जानने के लिए आरएसएस प्रचारक (पूर्णकालिक स्वयंसेवक) के रूप में राज्य के कोने-कोने का दौरा किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक-एक कर उन सभी मुद्दों को सुलझाया।’’

शाह ने याद दिलाया कि जब मोदी अपने शुरुआती राजनीतिक करियर के दौरान भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते थे, तो उनके (शाह) समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ता हैरान रह जाते थे कि यह कैसे हकीकत बनेगा।

शाह ने कहा, ‘‘रामलला 500 साल से अधिक समय तक एक तंबू में थे। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अयोध्या में भव्य मंदिर का हमारा सपना साकार हुआ। इसी तरह, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर वास्तव में भारत का अभिन्न अंग बन गया।’’

भाषा सुभाष रंजन

रंजन

 

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