नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित “मुख्यमंत्री आवास” पर अतिक्रमण करने की कोशिश का आरोप लगाया।
आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हताश है क्योंकि वह चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) को हरा नहीं पा रही है और इसलिए ऐसे कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा, “भाजपा तनाव में है, क्योंकि वे हमें चुनाव में हरा नहीं पाए। वे विधानसभा में दहाई की संख्या में सीट भी हासिल नहीं कर पाए और हमारी पार्टी को तोड़ने का उनका “ऑपरेशन लोटस” भी विफल हो गया। यहां तक कि हमारे नेताओं को जेल भेजने से भी कोई फायदा नहीं हुआ।”
भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘आप’ सहानुभूति हासिल करने के लिए बंगले को लेकर “नाटक” कर रही है और “पीड़ित कार्ड” खेल रही है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगला दिल्ली के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास नहीं है, जैसा कि ‘आप’ दिखाने की कोशिश कर रही है।
आतिशी ने कहा कि ‘आप’ कार और बंगलों के लिए राजनीति में नहीं है।
उन्होंने कहा, “अगर भाजपा को मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करके शांति मिलती है तो उनका स्वागत है। हमारी पार्टी बंगलों या कारों के लिए राजनीति नहीं करती है। अगर जरूरत पड़ी तो ‘आप’ के मंत्री और विधायक सड़कों से काम करने के लिए तैयार हैं।”
पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि आतिशी को 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगला “जबरन खाली” करने के लिए मजबूर किया गया।
आम आदमी पार्टी ने बृहस्पतिवार को कुछ तस्वीरें साझा कर दावा किया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी अपने कालकाजी स्थित आवास पर बंधे सामान के बीच फाइलों पर दस्तखत कर रही हैं।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए ‘आप’ नेता संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया और कहा कि वह दिल्ली के लोगों के लिए काम करने के आतिशी के जज़्बे को नहीं छीन सकती।
तस्वीरों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आतिशी के नाम पर पहले से ही मथुरा रोड पर एक बंगला है और उन्होंने पार्टी की शिकायतों को महज दिखावा बताया।
उन्होंने कहा, “मथुरा रोड पर उनके नाम पर एक बंगला आवंटित है, जिसका इस्तेमाल पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर शीला दीक्षित ने 10 साल तक किया था। साथ ही, आतिशी दिल्ली सचिवालय में अपने पूर्ण कार्यालय से काम कर सकती हैं, लेकिन वह खाली डिब्बे के साथ पीड़ित कार्ड खेलकर निरर्थक प्रयास कर रही हैं।”
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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