अगरतला, 21 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत-म्यांमा सीमा पर, विशेष रूप से नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में जनसांख्यिकीय आंकड़ों का मानचित्रण किया जाना चाहिए ताकि सीमा पर बाड़ लगाने में मदद मिल सके और घुसपैठ को रोका जा सके।
यहां पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एनईएसएसी) सोसायटी की 12वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में खनिज, तेल और कोयला भंडारों के लिए व्यापक मानचित्रण की आवश्यकता है ताकि इन खनिजों से प्राप्त रॉयल्टी से क्षेत्र को आर्थिक लाभ मिल सके।
शाह ने कहा, ‘‘भारत-म्यांमा सीमा पर, खासकर नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में जनसांख्यिकीय आंकड़ों का मानचित्रण किया जाना चाहिए ताकि सीमा पर बाड़ लगाने में मदद मिल सके और घुसपैठ को रोका जा सके।’’
उन्होंने कहा कि इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक सर्वेक्षण कराने की जरूरत है।
गृह मंत्री ने कहा कि एनईएसएसी सोसायटी को अंतरिक्ष विज्ञान का उपयोग करके वन क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पुराने मानचित्रों का नवीनतम मानचित्रों से मिलान कर आवश्यक कदम उठाए जाएं तथा जहां संभावनाएं हों, वहां राज्य सरकारों के सहयोग से पौधारोपण के प्रयास किए जाएं।
भाषा शफीक माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)