महाकुम्भ नगर, 24 दिसंबर (भाषा) त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ मेले का व्यापक असर व्यापार पर भी दिखना शुरू हो गया है। दिव्य और भव्य महाकुम्भ के लोगो और प्रतीक वाले उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
‘कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा, “बाजार की धारणा हर चीज़ के जुड़ी होती है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय राम मंदिर और सनातन से जुड़े प्रतीकों वाले उत्पादों की बाज़ार में मांग बहुत तेजी से बढ़ी थी।”
उन्होंने कहा कि सरकार प्रयागराज महाकुम्भ को जिस तरह दिव्य और भव्य स्वरूप देने के साथ उसकी ब्रांडिंग कर रही है, उससे बाजार में इससे जुड़े उत्पादों की बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत का उछाल आया है।
गोयल ने बताया, ”नए साल में तोहफे और उपहार देने का चलन रहा है। इसमें भी स्टेशनरी से जुड़े उत्पादों की ज्यादा मांग रहती है। प्रयागराज में इन उत्पादों को महाकुम्भ के साथ जोड़कर बाजार में उतारने की कुछ दुकानदारों की कोशिश के उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं।”
प्रयागराज के ज़ीरो रोड इलाके के भगवती पेपर्स ट्रेडिंग के मालिक अरविंद कुमार अग्रवाल का कहना है उन्होंने महाकुम्भ की थीम को लेते हुए स्टेशनरी से जुड़े 14 उत्पाद बाजार में उतारे हैं जिनको लेकर ग्राहकों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया है। इन उत्पादों में नए साल की डायरी, फाइल बॉक्स, नए साल के कैलेंडर, पेन, पेन स्टैंड व चाबी का गुच्छा जैसे उत्पाद शामिल हैं।
जूट और कपास के थैले के थोक विक्रेता शिवा इंटरनेशनल के मालिक गोपाल पांडे का कहना है कि महाकुम्भ के आयोजन में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाए जाने से जूट और कपास के धागों से बने थैलों की मांग बहुत बढ़ गई। उन्होंने इन थैलों में दिव्य और भव्य महाकुम्भ के प्रतीक की छपाई कराई है जिससे महाकुम्भ क्षेत्र के अंदर और बाहर से अच्छी मांग आ रही है। अभी तक उनके पास 25,000 से अधिक थैलों की मांग आ चुकी है।
भाषा राजेंद्र नोमान
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