दिव्यांगों के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग |

दिव्यांगों के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग

दिव्यांगों के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग

:   Modified Date:  September 12, 2024 / 04:36 PM IST, Published Date : September 12, 2024/4:36 pm IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) दिव्यांग अधिकार समूहों ने जींद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राम कुमार गौतम और चेन्नई में आध्यात्मिक नेता महा विष्णु द्वारा कथित तौर पर दिव्यांगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मद्देनजर सार्वजनिक हस्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

नेशनल सेंटर फॉर प्रोमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल (एनसीपीईडीपी) ने इन बयानों की निंदा की तथा इन्हें व्यापक सामाजिक उदासीनता का हिस्सा बताया, जो दिव्यांगों के प्रति पूर्वाग्रह को बढ़ावा देता है।

एनसीपीईडीपी ने एक बयान में चेन्नई पुलिस की सराहना की, जिसने महा विष्णु को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि दिव्यांगता ‘पिछले जन्मों के बुरे कृत्यों’ का परिणाम होता है।

इस बीच, एनसीपीईडीपी ने दावा किया कि गौतम ने दिव्यांगों के बारे में बोलते समय ‘लंगड़ा’ और ‘रिजेक्टेड माल’ जैसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने कहा, ‘ऐसे बयान हानिकारक सामाजिक दृष्टिकोण को मजबूत करते हैं।’ उन्होंने भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से दिव्यांगों के संबंध में सम्मानजनक भाषा को अनिवार्य करने वाले दिशा-निर्देश लागू करने का आग्रह किया।

अली ने दिव्यांगता को व्यक्तिगत विफलता या कर्म के रूप में पेश करने वाले विमर्श की भी आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि दिव्यांगों के सामने असली बाधाएं सामाजिक हैं।

यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल में सक्षम इकाई के समन्वयक प्रोफेसर डॉ. सतेंद्र सिंह ने टिप्पणियों को न केवल क्रूर बल्कि बेहद अज्ञानतापूर्ण बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला गया कि दिव्यांगता को ‘बुरे कर्म’ के लिए जिम्मेदार ठहराना कैसे व्यक्तियों को अमानवीय बनाता है।

उन्होंने बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92 (ए) जैसे कानूनों के बावजूद दिव्यांगों के खिलाफ अभद्र भाषा जारी है।

पेरिस पैरालिंपिक में भारत के उल्लेखनीय प्रदर्शन के बाद इस मुद्दे ने ध्यान आकर्षित किया है, जहां खिलाड़ियों ने 29 पदक जीते।

इन उपलब्धियों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रियों ने प्रशंसा की।

चेन्नई में विष्णु की टिप्पणियों की व्यापक निंदा की गई, जिसके कारण उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। हालांकि उनकी टीम के एक सदस्य ने माफी मांगी, लेकिन दिव्यांग अधिकार पैरोकारों ने दलील दी कि नुकसान पहले ही हो चुका है। अली ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां हानिकारक रूढ़ियों को बढ़ावा देती हैं।

गौतम के बयानों के जवाब में, एनसीपीईडीपी ने निर्वाचन आयोग के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें इसके दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है, जो दिव्यांगों व्यक्तियों के बारे में चर्चा करते समय सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करने को अनिवार्य बनाते हैं।

मौजूदा कानूनी प्रावधानों के बावजूद, कार्यकर्ताओं ने दिव्यांगों के खिलाफ अभद्र भाषा के लिए कम दोषसिद्धि होने की आलोचना की। उन्होंने दिव्यांगता से संबंधित अपराध संबंधी डेटा की कमी की भी आलोचना की, क्योंकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ऐसे अपराधों पर विशिष्ट रिकॉर्ड नहीं रखता है।

दिव्यांग अधिकार समूह अब भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और पूरे भारत में दिव्यांगों की गरिमा की रक्षा के लिए कानूनों के सख्त प्रवर्तन का आग्रह कर रहे हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)