नई दिल्ली। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से इसकी रोकथाम के उपाय करने और टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा है। खबर के मुताबिक, देश के तीन राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल में इस वेरिएंट के मरीज सामने आ रहे हैं। केंद्र ने इन राज्यों से वैक्सीनेशन तेज करने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 से 40 कन्फर्म मामले सामने आए हैं।
मध्यप्रदेश में नए वेरिएंट से दो की मौत के बाद अलर्ट
मध्यप्रदेश के उज्जैन और अशोकनगर में नए वेरिएंट से दो लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है। लगातार वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ाई जा रही है।
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केरल में तीन गांव हैं सील
खबर के मुताबिक, केरल में, तीन गांवों को सील कर दिया गया है और लोगों का जरूरी तौर पर कोविड-19 के लिए टेस्ट किया जा रहा है। जबकि महाराष्ट्र में, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हर जिले से 100 सैम्पल तुरंत जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) के लिए भेजे जाएंगे। महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 के 10,066 नए मामले दर्ज किए गए। टोपे ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि रोजाना मामले 8,000 से नीचे नहीं आ रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर और कर्नाटक केस
जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बुधवार को डेल्टा प्लस वेरिएंट का अपना पहला मामला दर्ज किया। जम्मू-कश्मीर में, मरीज श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का 39 वर्षीय कर्मचारी है। हल्के लक्षणों के साथ उसे घर में आइसोलेशन में रखा गया है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को बेंगलुरु मामले के बारे में सूचित कर दिया है और आगे की कार्रवाई की प्लानिंग की जा रही है।
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अब तक, 11 देशों – ब्रिटेन, भारत, कनाडा, जापान, नेपाल, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस, स्विट्जरलैंड, तुर्की और अमेरिका में 197 सैम्पल में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है। ब्रिटेन और भारत में कोई मौत की सूचना नहीं है। डेल्टा प्लस को ‘AY।1’ संस्करण या B।1।617।2।1 के रूप में भी जाना जाता है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा है कि प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाएं और बड़े पैमाने पर टेस्टिंग बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि इस मामले ज्यादा फोकस करते हुए नियमों को सख्त बनाना जरूरी है। उन्होंने राज्यों से कहा है कि कंटेन्मेंट वाले जिलों में भीड़ को रोकने और लोगों के आपस में मिलने से रोकने के तत्काल उपाय करें।केंद्र सरकार की तरफ से डेल्टा प्लस को पहले ही चिंता का एक वेरिएंट घोषित किया जा चुका है।