नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) दिल्ली यातायात पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) का तीसरा चरण लागू होने के बाद बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के पहले दिन शुक्रवार को कुल एक करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 550 चालान काटे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, यातायात पुलिस ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) नहीं होने के कारण 4,855 वाहनों के चालान काटे।
अधिकारियों ने बताया कि 4,855 वाहनों के चालान की कुल राशि 4.8 करोड़ रुपये है।
वैध पीयूसी प्रमाण पत्र न होने पर वाहन चालकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
ये चालान अदालतों से जारी होते हैं।
ग्रैप के तीसरे चरण के तहत निजी बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाहनों का सड़कों पर प्रवेश प्रतिबंधित है और इस नियम का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
राष्ट्रीय-राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों से दिल्ली आने वाली डीजल और पेट्रोल अंतरराज्यीय बसों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शहर के पूर्वी, मध्य और उत्तरी रेंज में बीएस-तीन और बीएस-चार वाहनों के कुल 293 चालान काटे। उन्होंने बताया कि पीयूसीसी प्रमाण पत्र न होने पर कुल 2,404 चालान काटे गए।
अधिकारियों ने बताया कि नयी दिल्ली क्षेत्र में 63, पश्चिमी क्षेत्र में 73 और दक्षिणी क्षेत्र में 121 चालान काटे गये।
उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली, दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र में पीयूसीसी न होने पर क्रमशः 322, 894 और 1,235 चालान काटे गये।
पुलिस उपायुक्त (यातायात) राजीव कुमार रावल ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को यातायात पुलिस के तीनों क्षेत्र में करीब 3,000 वाहनों की जांच की।
रावल ने बताया, “हमने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से वाहनों की जांच तेज कर दी है और अंतरराज्यीय बसों की भी जांच की जा रही है। जिन वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है, उन्हें सीमाओं से वापस लौटाया जा रहा है। हमने ऐसे लगभग 300 वाहनों को वापस लौटाया है। हम उन वाहनों के भी चालान काट रहे हैं, जिनके पास पीयूसीसी नहीं है।”
भाषा जितेंद्र रंजन
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