नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को छोड़कर अन्य सभी के लिए आमने-सामने की कक्षाएं निलंबित करने का फैसला किया है जिसे लेकर विद्यार्थियों सहित संबंधित पक्षों में चिंता बढ़ गई है।
आधिकारिक परिपत्र में ऑनलाइन कक्षाएं संचाालित करने के आदेश का उद्देश्य छोटे बच्चों को खतरनाक वायु गुणवत्ता से बचाना बताया गया है। लेकिन इसने अभिभावकों, स्कूल प्राधिकारियों और विद्यार्थियों के बीच चिंताएं भी पैदा कर दी हैं।
बारहवीं कक्षा की छात्रा साहेज ने पिछले वर्ष इसी कारण से स्कूल बंद होने के कारण कक्षा 11 में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से वंचित रहने पर अपनी निराशा व्यक्त की।
उसने कहा, ‘‘बार-बार होने वाली समस्या के कारण अवसरों का छिन जाना निराशाजनक है। इसे हल करने के बजाय, हमने इसके साथ जीना सीख लिया है। प्रदूषण के चरम स्तर पर पहुंचने पर ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने से एक समस्या दूसरी समस्या में बदल जाती है, क्योंकि आठ घंटे तक स्क्रीन के सामने बैठना भी उतना ही हानिकारक है।’’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार सुबह 8 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 484 रहा, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है।
दिल्ली अभिभावक संघ (डीपीए) की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि जब विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होने की सूचना अंतिम समय में मिलती है तो अभिभावकों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे उन्हें यह समझने में परेशानी होती है कि काम पर जाते समय घर पर छोटे बच्चों को कैसे संभालें।
गौतम ने कहा, ‘‘कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में सूचना नहीं मिली और उन्होंने अपने बच्चों को आज स्कूल भेज दिया, लेकिन वे वापस लौट आए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को अभिभावकों को पहले से सूचित करना चाहिए और बार-बार ऑनलाइन कक्षाओं में बदलाव से बचना चाहिए।
गौतम ने कहा, ‘‘कई परिवारों के पास फोन या लैपटॉप जैसे अतिरिक्त उपकरण नहीं हैं, जिससे कुछ छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने में असमर्थ हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव बड़े छात्रों पर पड़ता है, खासकर बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों पर। हमें इस मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।’’
मयूर विहार स्थित बाल भवन पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य विविध गुप्ता ने कहा कि शहर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की ओर रुख करना आवश्यक प्रतीत होता है, लेकिन बार-बार सामने आ रही समस्या के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘हर साल दिवाली के बाद प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण विद्यालयों को बंद करना पड़ता है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। कक्षा छह से ऊपर के छात्रों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे उन गतिविधियों और पाठों में शामिल हों, जिनका अनुभव कक्षा में ही सबसे अच्छा हो।’’
भाषा धीरज रंजन
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