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नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) छात्रों और उनके अभिभावकों के एक समूह ने बुधवार को संसद के पास विरोध प्रदर्शन किया तथा राजनेताओं से दिल्ली की बिगड़ती हुई वायु गुणवत्ता की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया।
प्रदर्शनकारी ”सांसों के लिए संसद चलो” के बैनर तले एकत्र हुए।
विरोध प्रदर्शन में शामिल एक अभिभावक ने कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं कि अगर स्थिति और खराब होती रही तो हम अपने बच्चों और अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा कैसे उपलब्ध करा पाएंगे।’’
प्रदर्शनकारियों में नौ-वर्षीय मीरा पूर्णिमा वुट्स भी शामिल थीं।
मीरा ने कहा, ‘‘प्रदूषण के कारण मेरे पिता और मुझे लगातार खांसी आती रहती है। मेरे परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को भी इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं।’’
विरोध प्रदर्शन में शामिल पर्यावरणविद् भवरीन कंधारी ने इस मुद्दे की गंभीरता पर बल दिया।
भवरीन ने कहा, ‘‘यह सांसदों के लिए एक अनुरोध और एक अनुस्मारक दोनों है कि दिल्ली शहर का दम घुट रहा है। हर बच्चा पीड़ित है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि केमिस्ट की दुकानों पर हर तीसरा ग्राहक कोई माता-पिता है जो अपने बच्चे के लिए दवाएं मांग रहा है।’’
पर्यावरणविद् ने कहा, ‘‘कई बच्चे नेबुलाइजर और एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भर हैं। प्रदूषित हवा उनके जीवन के 12 साल छीन रही है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह स्वच्छ हवा को राष्ट्रीय चर्चा में लाए, निर्णायक कार्रवाई करे और हमारी रक्षा के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाए। आखिरकार, हमने अपने प्रतिनिधियों को हमारे लिए बोलने के लिए चुना है।’’
प्रदर्शनकारियों ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देने के लिए ”हमारे बच्चों के फेफड़े बचाओ”, ”सांस लेने का मेरा अधिकार” और ”वायु प्रदूषण पर तुरंत कार्रवाई करो” जैसे संदेश लिखी हुईं तख्तियां उठा रखी थीं।
पर्यावरण समूह ‘अर्थ वॉरियर्स’ के सदस्य अतुल कुमार ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपने भय को दर्शाने के लिए ऑक्सीजन मास्क पहनकर और ऑक्सीजन सिलेंडर अपने साथ रखकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
भाषा रवि कांत सुरेश
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