दिल्ली चुनाव: विभिन्न दलों के धार्मिक कार्ड खेलने की वजह से ‘नरम हिन्दुत्व’ केंद्रबिंदु में |

दिल्ली चुनाव: विभिन्न दलों के धार्मिक कार्ड खेलने की वजह से ‘नरम हिन्दुत्व’ केंद्रबिंदु में

दिल्ली चुनाव: विभिन्न दलों के धार्मिक कार्ड खेलने की वजह से ‘नरम हिन्दुत्व’ केंद्रबिंदु में

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Modified Date: January 18, 2025 / 08:11 PM IST
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Published Date: January 18, 2025 8:11 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) दिल्ली का विधानसभा चुनाव ‘नरम हिन्दुत्व’ की राह पकड़ चुका है, क्योंकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच पुजारियों और इस तरह के लोगों का सबसे बड़ा हितैषी बनने की होड़ लगी हुई है।

पांच फरवरी को होने वाले चुनाव में यह देखने को मिल रहा है कि आम आदमी पार्टी ‘धर्म’ का दामन थामकर ‘चुनावी वैतरणी’ पार करना चाहती है। ‘आप’ ऐसा करके भाजपा को उसी के अंदाज में पराजित करना चाहती है।

अरविंद केजरीवाल-नीत पार्टी ने हाल ही में घोषणा की है कि यदि उनकी पार्टी दिल्ली में सत्ता में लौटती है तो ‘पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना’ लागू की जाएगी, जिसके तहत मंदिर के पुजारियों तथा गुरुद्वारे के ग्रंथियों को प्रतिमाह 18 हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा।

इसके जवाब में भाजपा मंदिरों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न पूजा स्थलों को हर महीने 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर सकती है।

दोनों दलों ने गरीब और हाशिये पर पड़े हिंदुओं को धोखा देने और वोट बैंक को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे पर अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पहली वर्षगांठ पर शहर के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया था और झुग्गीवासियों से सरकार बदलकर दिल्ली के ‘मुक्तिदाता’ बनने का आग्रह किया।

भाजपा ने सत्तारूढ़ पार्टी पर वाल्मीकि मंदिर क्षेत्र में 44 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए अर्जी देने और केजरीवाल पर ‘‘दलित विरोधी होने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतरे भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने 14 जनवरी को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ‘‘केजरीवाल के कहने पर’’ वाल्मीकि मंदिर क्षेत्र में मतदाताओं की जांच तो कर रहा है, लेकिन मस्जिदों और दरगाहों के बारे में कुछ नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आयोग को आप प्रमुख के कहने पर हिंदुओं को ‘लक्षित और बदनाम करने’ से बचना चाहिए।

आप प्रमुख खुद को ‘‘हनुमान भक्त’’ कहते हैं और उन्होंने वाल्मीकि मंदिर और प्राचीन हनुमान मंदिर में प्रार्थना करने के बाद नई दिल्ली सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी मंदिर और इलाके के एक गुरुद्वारे में पूजा-अर्चना करने के बाद नामांकन से संबंधित जुलूस की शुरुआत की।

जंगपुरा से मैदान में उतरने के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जम्मू में वैष्णो देवी समेत कई प्रमुख मंदिरों के दर्शन करने गए। उन्होंने भी नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले काली का आशीर्वाद लिया।

सिसोदिया ने निर्वाचन क्षेत्र के किलोकरी इलाके में अंगूरी देवी मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद जंगपुरा में अपना अभियान शुरू किया।

इन सभी मंदिरों की यात्राओं को पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित-प्रसारित किया।

आप ने ‘सनातन सेवा समिति’ के लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की है, जो अपनी अनुदान योजना के कार्यान्वयन की देखरेख करने वाली है।

भाजपा ने अपने मंदिर प्रकोष्ठ प्रमुख करनैल सिंह को शकूर बस्ती से आप नेता एवं पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मैदान में उतारा है।

सत्तर-सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान पांच फरवरी को होगा।

वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा 2015 से सत्तारूढ़ आप को सत्ताच्युत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

भाषा सुरेश संतोष

संतोष

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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