(आलोक सिंह)
नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) दिल्ली पुलिस एक जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस संबंध में 25 हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने का काम पूरा हो गया है।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के तहत प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए एक समर्पित एप्लीकेशन ‘ई प्रमाण’ भी शुरू किया है ताकि पुलिसकर्मियों को अपराध से संबंधित तलाशी और जब्ती के वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड करने में मदद मिल सके।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक जुलाई और उसके बाद दर्ज होने वाले सभी मुकदमों की प्राथमिकियां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 154 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 के तहत दर्ज की जाएंगी।
अधिकारी ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) से और इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 की धाराएं भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदल जाएंगी।
दिल्ली पुलिस ने अपने 25 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है, जिनमें सहायक उप-निरीक्षक और निरीक्षक से लेकर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) तक शामिल हैं।
इस साल जनवरी में कानूनों का अध्ययन करने और पुलिसकर्मियों के लिए अध्ययन सामग्री तैयार करने के वास्ते 14 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
विशेष पुलिस आयुक्त छाया शर्मा की अगुवाई वाली समिति में पुलिस उपायुक्त जॉय तिर्की, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त उमाशंकर और अन्य सहायक पुलिस आयुक्त, निरीक्षक और उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी शामिल थे।
शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कर्मियों का प्रशिक्षण चरणबद्ध तरीके से फरवरी में शुरू किया गया।
उन्होंने कहा, ”शुरुआत में हमने अपराध शाखा, आर्थिक अपराध शाखा, रेलवे, दिल्ली मेट्रो जैसी विभिन्न इकाइयों के आठ हजार से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। फिर उन्हें अपने-अपने जिलों और इकाइयों में अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा गया।”
शर्मा ने बताया कि जिला और थाना स्तर पर निचले पद पर तैनात अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना जारी रहेगा।
विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा कि करीब 736 ‘नायब’ अदालतों और करीब 50 जेल अधीक्षकों को भी नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है।
पुलिस के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, सीआरपीसी और आईपीसी की धाराएं 30 जून या उससे पहले दर्ज मुकदमों और एक जुलाई या उसके बाद दर्ज प्राथमिकियों पर लागू होंगी।
उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए, अगर 29 जून को धोखाधड़ी हुई और शिकायत एक जुलाई के बाद दर्ज होती है तो आईपीसी और सीआरपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी।
दिल्ली में 15 पुलिस जिले हैं और उनमें करीब 200 थाने हैं। राजधानी के पास 95 हजार कर्मियों वाला मजबूत पुलिस बल है।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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