दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक कार का पीछा कर अगवा भाई-बहन को बचाया |

दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक कार का पीछा कर अगवा भाई-बहन को बचाया

दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक कार का पीछा कर अगवा भाई-बहन को बचाया

:   Modified Date:  June 29, 2024 / 04:32 PM IST, Published Date : June 29, 2024/4:32 pm IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) दिल्ली पुलिस ने करीब तीन घंटे तक कार का पीछा करके लक्ष्मी नगर इलाके से अपह्रत भाई-बहन को बचा लिया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने भाई-बहन के माता-पिता से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि पुलिस को शुक्रवार रात 11:30 बजे एक लड़के (3) और एक लड़की (11) का उनकी ही कार में अपहरण किये जाने की सूचना मिली थी।

गुप्ता ने कहा कि भाई-बहन के पिता ने पुलिस को बताया कि बच्चे शकरपुर इलाके में विकास मार्ग पर एक मशहूर मिठाई की दुकान के सामने कार में बैठे थे।

उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी मिठाई खरीदने के लिए दुकान के अंदर गए थे, तभी एक व्यक्ति पार्किंग कर्मचारी होने की आड़ में उनकी कार में आकर बैठ गया।

उन्होंने बताया कि आरोपी कार को लेकर फरार हो गया, जिसमें दोनों बच्चे बैठे थे।

उपायुक्त ने बताया कि आरोपी ने बच्चों को डराकर शांत रहने को कहा। उन्होंने बताया कि गाड़ी चलाते समय आरोपी ने दूसरे मोबाइल फोन से दंपति को फोन किया और 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी।

उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर आरोपी और बच्चों का पता लगाने के लिए दो टीम बनाई गईं। गुप्ता ने बताया कि एक टीम का नेतृत्व शकरपुर थाना प्रभारी (एसएचओ) कर रहे थे और बच्चों की मां भी उनके साथ थीं, जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व लक्ष्मी नगर थाने के एसएचओ कर रहे थे और बच्चों के पिता उनके साथ थे।

उपायुक्त ने बताया कि पुलिस अधिकारियों की करीब 20 गाड़ियों द्वारा करीब तीन घंटे तक पीछा करने के बाद अपहरणकर्ता ने बच्चों के साथ समयपुर बादली इलाके के पास कार छोड़ दी और भाग निकला।

अधिकारी ने बताया कि इस बीच आरोपी ने दिल्ली की सड़कों पर 100 किलोमीटर से अधिक समय तक गाड़ी चलाई। उन्होंने बताया कि आखिरकार पुलिस बच्चों को बचाने में कामयाब रही, जो सुरक्षित हैं।

गुप्ता ने बताया कि बच्चों को उनके माता-पिता को सौंपा गया है।

अधिकारी ने बताया कि गहने, मोबाइल फोन समेत कार में रखी मूल्यवान वस्तुएं कार से सुरक्षित मिली क्योंकि पुलिस द्वारा लगातार पीछा किये जाने के कारण अपहरणकर्ता को इन्हें ले जाने का वक्त नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दलों का गठन किया गया है।

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश

 

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