नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के 14 विभागों की टीम ने सोमवार को एक बड़े गिरोह का भांडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि ये गिरोह महिलाओं को झांसे में लेकर बेटा पैदा करने के लिए विदेश भेजता था। इस काम के लिए गिरोह के लोग बाकायदा कॉल सेंटर चलाकर महिलाओं को टारगेट करते। गिरोह के सदस्य इस काम के लिए महिलाओं से 9 लाख रूपए लेते थे और उन्हें बई, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में भेजा जाता था।
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मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने सोमवार को कीर्ति नगर इलाके में छापेमारी कर गिरोह का भांडाफोड़ किया है। बताया जा रहा है कि ये गिरोह के लोग लगभग इस तरह के 100 कॉल सेंटर चला रहे हैं, जिसके जरिए महिलाओं को बेटा पैदा करने का झांसा देकर पैसे ऐंठते थे। ये कॉल सेंटर पिछले एक साल से इस काम में लगा हुआ था। इन कॉल सेंटरों में लगभग 300 लोग काम करते हैं। इस गिरोह का मालिक एक आईटी इंजीनियर है। पुलिस ने मौके से 300 लैपटॉप भी जब्त किए हैं। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने एफएसएल की टीम से भी मदद मांगी है। पुलिस उन दंपत्तियों तक पहुंचने की भी कोशिश कर रही है, जिन्होंने बेटे की चाहत पूरी करने के लिए इस गिरोह से संपर्क किया था।
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इस गिरोह की अपनी खुद की एक वेबसाइट है जिसके जरिए लोग इससे संपर्क करते थे। संपर्क करने वाले कपल्स को आईवीएफ सेंटर बुलाकर डील तय की जाती थी। फिर उन्हें 10 हजार रुपए देकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता था और आखिरी डील 9 लाख रुपए में तय होती थी। मंत्रालय के मुताबिक, कपल्स को दुबई, थाईलैंड और सिंगापुर भेजा जाता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी पहले 10 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन एग्रीमेंट करते थे जिसे बाद में डील पूरी होने के बाद वापस कर दिया जाता था। काम पूरा होने के बाद हर महिला से लिए गए 9 लाख रुपए में से 20 फीसदी ईला वूमन का हिस्सा बनता था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पूरे मामले में उन दंपत्तियों पर कार्रवाई होगी जिन्होंने जन्म से पहले बच्चे के लिंग की पहचान कराई और बाद में बच्चे पैदा हुए। पुलिस के अनुसार इस रैकेट का नेटवर्क पूरे देश में फैला था। देश भर में इस गिरोह ने छह लाख लोगों से संपर्क किया था। अकेले दिल्ली में 200 दंपत्तियों की मदद की बात सामने आई है। दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार शाम को रेड शुरू की जो देर रात 2 बजे तक चली।
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