नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैग की कई रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य विधानसभा की बैठक बुलाने का निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने हालांकि कहा कि इस मामले में दिल्ली सरकार की ओर से ‘‘अत्यधिक देरी’’ की गई है।
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि ऑडिट रिपोर्ट पेश किया जाना संविधान के तहत अनिवार्य है।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अदालत विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने संबंधी याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं है।’’
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन ने पिछले साल याचिका दायर की थी और विधानसभा अध्यक्ष को कैग रिपोर्ट पेश करने के लिए सदन की बैठक बुलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ताओं नीरज और सत्य रंजन स्वैन के माध्यम से याचिका दायर की थी।
अध्यक्ष और सरकार के वरिष्ठ वकीलों ने अदालत द्वारा ऐसा निर्देश पारित करने का विरोध किया था और कहा था कि ऐसे समय में रिपोर्ट पेश करने की कोई जल्दी नहीं की जानी चाहिए जब विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं।
भाषा
देवेंद्र मनीषा
मनीषा
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)