दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने संबंधी याचिका पर मांगा जवाब |

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने संबंधी याचिका पर मांगा जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने संबंधी याचिका पर मांगा जवाब

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Modified Date: January 14, 2025 / 07:13 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 7:13 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी प्रशासन से संबंधित उसकी 14 रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कैग से यह बताने को कहा कि उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा सकती।

पीठ ने मामले की सुनवाई 24 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।

जनहित याचिका दायर करने वाले सेवानिवृत्त लोक सेवक बृज मोहन ने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं को आगामी विधानसभा चुनावों में मत डालने से पहले राजधानी की स्थिति और इसकी वित्तीय सेहत के बारे में पता होना चाहिए।

कैग की रिपोर्ट में आप के नेतृत्व वाली सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना की गई थी, जिसमें कथित तौर पर राजकोष को नुकसान पहुंचाने वाली आबकारी नीति भी शामिल थी। यह नीति बाद में रद्द कर दी गयी।

जनहित याचिका में कहा गया है कि आबकारी नीति से लेकर प्रदूषण तक कई मुद्दों से संबंधित रिपोर्ट का दिल्ली में शासन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

याचिका में कहा गया है, “दिल्ली में 2025 की शुरुआत में आम चुनाव होने हैं और राजनीतिक दल दिल्ली के मतदाताओं से तरह-तरह के वादे कर रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि दिल्ली में चुनाव से पहले दिल्ली की वित्तीय सेहत के बारे में जनता को पता चल जाए।”

इसलिए याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार, उपराज्यपाल और कैग को रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश देने की मांग की।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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