नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी द्वारा दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मामले में विभिन्न मीडिया संस्थानों से जवाब मांगा है।
रेड्डी ने अमेरिका में अदाणी समूह के खिलाफ अभियोग कार्यवाही के संबंध में उनके बारे में कथित तौर पर मानहानिकारक खबरें प्रकाशित करने को लेकर यह मुकदमा दायर किया है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मीडिया संस्थानों और उनके संपादकों तथा ‘सर्च इंजन’ गूगल को समन जारी करते हुए मुकदमे के जवाब में लिखित बयान दाखिल करने को कहा। अदालत ने नौ दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘शिकायत को मुकदमे के रूप में पंजीकृत किया जाए। समन जारी किया जाता है।’’
न्यायाधीश ने रेड्डी की अंतरिम राहत के अनुरोध वाली अर्जी पर भी नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर के लिए तय की है।
रेड्डी ने अदालत से मीडिया संस्थानों को मुकदमे में उनके उल्लेख वाली खबरों को हटाने को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया। युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस (वाईएसआरसी) पार्टी के अध्यक्ष रेड्डी ने समाचार के प्रकाशन के कारण कथित मानहानि के लिए प्रतिवादी मीडिया संस्थानों से 100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है।
रेड्डी का कहना है कि खबर या ट्वीट में दिए गए बयान मुख्य रूप से अमेरिका में शुरू की गई कार्यवाही पर आधारित थे और केवल उसी का संदर्भ देते थे तथा उन्हें इस बारे में कोई नोटिस नहीं मिला था। रेड्डी ने कहा कि न तो उनके खिलाफ कार्यवाही में अभियोग लगाया गया और न ही किसी कार्यवाही में पक्षकार बनाया गया।
याचिका में कहा गया, ‘‘इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ खबरें बेबुनियाद हैं और प्रतिवादियों द्वारा सच्चाई का पता लगाए बिना और सच्चाई पर ध्यान दिए बिना लापरवाही से खबरें प्रकाशित की गई हैं।’’
अंतरिम अर्जी पर रेड्डी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनकी प्रतिष्ठा को कायम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन आरोपों ने वाईएसआरसी के अध्यक्ष रेड्डी और उनकी पार्टी के सांसदों की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने अदाणी समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर को उन पर लगे आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है।
अदाणी और उनके भतीजे पर अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राज्य सरकार के अज्ञात अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने में शामिल होने का आरोप है।
अदाणी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही है।
भाषा आशीष संतोष
संतोष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत लंबे समय तक कायरों के हाथ में कभी नहीं…
54 mins ago