उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले में बेसमेंट के सह-मालिकों को जमानत दी |

उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले में बेसमेंट के सह-मालिकों को जमानत दी

उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले में बेसमेंट के सह-मालिकों को जमानत दी

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Modified Date: January 27, 2025 / 04:41 PM IST
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Published Date: January 27, 2025 4:41 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की जुलाई 2024 में डूबने से मौत के मामले में उस इमारत के बेसमेंट के सह-मालिकों को जमानत दे दी है जिसमें एक कोचिंग सेंटर है।

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने प्रथम दृष्टया आरोपियों की इस दलील को स्वीकार किया कि उनकी भूमिका केवल उस संपत्ति के मालिक होने तक सीमित थी जहां घटना घटी थी और फिलहाल भ्रष्टाचार के किसी पहलू का उल्लेख करने वाला कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है।

न्यायाधीश ने कहा कि यह इस मामले में अंतरिम जमानत पर चल रहे आरोपी व्यक्तियों को राहत देने के लिए एक “उपयुक्त मामला” है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया, अदालत को इस दलील में दम लगता है कि याचिकाकर्ताओं की भूमिका उस संपत्ति के मालिक होने तक ही सीमित थी, जहां घटना घटी थी। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के पहलू से संबंधित जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास लंबित बताई गई है।’’

अदालत के 21 जनवरी को पारित आदेश में कहा गया कि वस्तु स्थिति रिपोर्ट या अन्य किसी भी सामग्री में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के किसी पहलू को इंगित करता हो। अदालत ने कहा कि जमानत देने का उद्देश्य न तो दंडात्मक है और न ही निरोधात्मक, बल्कि मुकदमे के दौरान आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए, 13 सितंबर, 2024 को अंतरिम जमानत देने वाला आदेश को अब उन्हीं शर्तों और नियमों पर नियमित जमानत के रूप में बदला जाता है।’’

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मौजूदा मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। अदालत ने कहा कि अपराध की प्रकृति गंभीर थी, लेकिन मालिकों की भूमिका पर भी विचार किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने बेसमेंट को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किराए पर दिया, जिसकी अनुमति नहीं थी। हालांकि, क्या यह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 और 106 के तहत अपराध है या नहीं, यह साक्ष्य के आधार पर सुनवाई अदालत को तय करना है।’’

आरोपियों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील ने पांच लाख रुपए स्वैच्छिक सहयोग देने की पेशकश की, तो अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि वे मृतकों के परिवारों के लिए यह राशि दो सप्ताह के भीतर दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करा दें।

दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक इमारत के बेसमेंट के सह-मालिकों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह ने 2024 में जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्होंने दलील दी कि वे केवल बेसमेंट के मालिक हैं, जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

दिल्ली में बारिश के बीच 27 जुलाई 2024 को राऊज आईएएस स्टडी सर्किल की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन विद्यार्थियों उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) की मौत हो गई थी।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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