नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड’ (डीएनबी) नामक पोस्ट-डिप्लोमा पाठ्यक्रम को छोड़ चुके अभ्यर्थियों पर दो साल के लिए किसी अन्य डीएनबी पाठ्यक्रम में दाखिला देने पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से पक्ष रखने को कहा है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने एक अभ्यर्थी की उस याचिका पर एनबीई को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि डीएनबी पाठ्यक्रम प्रवेश के लिए प्रतिबंध एकपक्षीय है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
अदालत ने 17 जनवरी को पारित आदेश में कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या-एक को सभी माध्यमों से नोटिस जारी करें, जिसका जवाब 23 जनवरी 2025 तक दिया जाना चाहिए।’’
याचिकाकर्ता ने कहा कि डीएनबी कोर्स शुरू करने के तुरंत बाद, उन्हें छत्तीसगढ़ के अपने अस्पताल से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि उनके लिए ‘‘कष्टदायक माहौल’’ में पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो गया था।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी कर रही वकील तन्वी दुबे ने अवगत कराया कि उन्होंने (याचिकाकर्ता ने) कथित तौर पर गाली-गलौज और प्रताड़ना के बारे में निर्धारित प्रक्रिया के तहत शिकायत की थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने दलील दी कि इसीलिए नियम को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए और याचिकाकर्ता को भविष्य में डीएनबी काउंसलिंग या परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि वह एक मेधावी अभ्यर्थी हैं, जिन्हें अन्याय का सामना करना पड़ा।
भाषा खारी सुरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)