दिल्ली सरकार ने एचएमपीवी को लेकर चिंताओं के बीच अस्पतालों को तैयार रहने का दिया निर्देश |

दिल्ली सरकार ने एचएमपीवी को लेकर चिंताओं के बीच अस्पतालों को तैयार रहने का दिया निर्देश

दिल्ली सरकार ने एचएमपीवी को लेकर चिंताओं के बीच अस्पतालों को तैयार रहने का दिया निर्देश

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Modified Date: January 6, 2025 / 04:44 PM IST
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Published Date: January 6, 2025 4:44 pm IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) दिल्ली सरकार ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आने के बाद राजधानी के सभी अस्पतालों को सांस संबंधी बीमारियों में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का सोमवार को निर्देश दिया।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ‘‘अत्यंत आवश्यक’’ निर्देश जारी करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को स्थिति पर बारीक नजर रखने तथा समय पर अद्यतन जानकारी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहने का निर्देश दिया।

भारद्वाज द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों को श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।’’

स्वास्थ्य सचिव को प्रतिदिन तीन सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने का काम सौंपा गया है, जिसकी शुरुआत सबसे बड़े अस्पतालों से होगी तथा कई प्रमुख मापदंडों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसमें आवश्यक दवा सूची के अनुसार दवाओं की उपलब्धता, आईसीयू बेड और पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों और रेडियोलॉजिकल उपकरणों की परिचालन स्थिति शामिल है।

निर्देश के अनुसार,अस्पतालों को तीव्र श्वसन रोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का अनुपालन करने के अलावा ओपीडी और आईपीडी काउंटरों पर डेटा एंट्री ऑपरेटरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।

ये निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि किए जाने के बाद आए हैं कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कई श्वसन वायरस रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामलों का पता लगाया है।

भारद्वाज ने निर्देश में कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में श्वसन संबंधी बीमारियों के रुझानों पर नजर रखना और ध्यान देने की जरूरत वाले किसी भी मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। तत्काल निर्णय की जरूरत वाले किसी भी मामले की जानकारी सीधे फोन पर दी जानी चाहिए।’’

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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