दिल्ली: पूर्व बस मार्शलों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन |

दिल्ली: पूर्व बस मार्शलों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन

दिल्ली: पूर्व बस मार्शलों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 08:16 PM IST, Published Date : October 3, 2024/8:16 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की बसों में मार्शल के रूप में तैनात रहे लोगों ने नौकरी बहाल करने की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के पास बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया।

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज, दिलीप पांडेय और कुलदीप कुमार सहित आम आदमी पार्टी (आप) के कई विधायकों ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया।

‘आप’ ने इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व बस मार्शलों की नौकरी बहाली संबंधी फैसले से पलटने का आरोप लगाया।

दिल्ली विधानसभा में हाल में हुए दो दिवसीय सत्र में बस मार्शल की सेवा समाप्ति के मुद्दे पर ‘आप’ और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें दोनों ही पक्षों ने उनकी नौकरी बहाल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।

दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार, आप और भाजपा के सभी विधायक बस मार्शल की नौकरी बहाली के लिए बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे उपराज्यपाल से मिलने वाले थे। हालांकि, ऐसी कोई बैठक नहीं हुई।

आप ने उपराज्यपाल कार्यालय पर उनके अनुरोध को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा था लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

आम आदमी पार्टी ने कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली के सभी विधायकों को बस मार्शलों की बहाली के लिए आज उपराज्यपाल से मिलना था, लेकिन न तो एलजी साहब ने मिलने का समय दिया और ना ही भाजपा विधायक पहुंचे।’’

भारद्वाज के आरोपों पर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आप पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

भाजपा विधायक ने कहा कि जब आप नेताओं ने तीन अक्टूबर को उपराज्यपाल से मिलने का फैसला किया था तो समय क्यों नहीं पूछा?

गुप्ता ने ‘आप’ को ‘धोखेबाज पार्टी’ करार देते हुए दावा किया, ‘‘ ‘आप’ और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने खुद उपराज्यपाल से मिलने की तारीख तय की, लेकिन जब वक्त आया तो मुख्यमंत्री, मंत्री, आम आदमी पार्टी के विधायक और सभी नेता गायब हो गए।’’

भाषा प्रीति वैभव

वैभव

 

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