नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को मंडोली जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गिरफ्तार आम आदमी पार्टी नेता नरेश बाल्यान की चिकित्सा स्थिति पर एक रिपोर्ट दाखिल करें।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मंडोली जेल के अधिकारियों को 28 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह निर्देश बाल्यान के उस दावे के बाद दिया कि उन्हें घबराहट की शिकायत होने पर डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवा नहीं दी जा रही है।
इस बीच, न्यायाधीश ने बाल्यान की न्यायिक हिरासत की अवधि 16 अप्रैल तक बढ़ा दी।
अदालत ने 15 जनवरी को बाल्यान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उन्हें चार दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। बाल्यान को जबरन वसूली के एक अन्य मामले में जमानत मिल गई थी।
दिल्ली पुलिस ने आठ जनवरी को बाल्यान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह संगठित अपराध गिरोह में एक ‘सहयोगी’ थे। पुलिस ने इसलिए अदालत से मकोका मामले में बाल्यान की जमानत याचिका खारिज करने का आग्रह किया।
पुलिस ने दलील दी कि अगर जमानत दी गई तो बाल्यान गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, सबूत नष्ट कर सकते हैं और चल रही जांच में बाधा डाल सकते हैं।
विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने दलील दी थी, ‘‘उन्होंने (गवाहों ने) कबूल किया है कि आरोपी नरेश बाल्यान, कपिल सांगवान के संगठित अपराध गिरोह में सहयोगी/षड्यंत्रकारी हैं और उन्होंने अपराध करने के बाद फरार गिरोह के एक सदस्य के खर्चे के लिए राशि मुहैया कराई।’’
भाषा धीरज सुरेश
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