(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) संकट में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए एक स्थानीय अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को उन्हें जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आग्रह भी खारिज कर दिया। ईडी 48 घंटे की रोक के दौरान ऊपरी अदालत जा सकती थी।
विशेष न्यायाधीश ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल को रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने साथ ही आप नेता पर कई शर्तें भी लगायीं जिनमें यह भी शामिल है कि वह जांच को बाधित करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
विशेष न्यायाधीश ने केजरीवाल को यह भी निर्देश दिया कि जब भी जरूरी होगा, वह अदालत में पेश होंगे तथा जांच में सहयोग करेंगे।
विशेष न्यायाधीश ने दिन में ईडी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने अपराध से हुई कथित कमाई और सह आरोपियों के साथ केजरीवाल का संबंध स्थापित करने की कोशिश की जबकि बचाव पक्ष ने दावा किया कि अभियोजन के पास आप नेता को घेरने के लिए सबूत नहीं है।
केजरीवाल के वकील कल जमानती बांड भर सकते हैं जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा किया जाएगा।
दूसरी तरफ, ऐसी संभावना है कि ईडी आने वाले दिनों में ऊपरी अदालत में इस जमानत आदेश को चुनौती भी दे सकती है।
वैसे आप संयोजक केजरीवाल को नियमित जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी और उसके सहयोगियों को मोदी सरकार पर प्रहार करने का मौका मिलेगा क्योंकि कठोर धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 45 के अनुसार जमानत केवल तभी दी जा सकती है कि जब न्यायाधीश को प्रथम दृष्टया संतुष्टि हो जाए कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है और यह कि संभवत: वह जमानत पर रहने के दौरान कोई अपराध नहीं करेगा।
वैसे विस्तृत आदेश की अब भी प्रतीक्षा है।
ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उससे बस कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया था।
दस मई को उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम ज़मानत दी थी और कहा था कि उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल आना होगा। केजरीवाल ने दो जून को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और तब से वहीं हैं।
भाषा राजकुमार रंजन
रंजन
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