नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा बुधवार को विधायकों के वेतन में संशोधन की मांग पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।
सदन में चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था।
विधायकों ने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कार्यों के लिए उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि और डेटा एंट्री ऑपरेटरों के पारिश्रमिक में संशोधन की भी मांग की।
केंद्र सरकार द्वारा लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर एक अप्रैल, 2023 से संसद सदस्यों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि को अधिसूचित करने के तुरंत दिल्ली विधानसभा ने इस समिति के गठन का फैसला लिया है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया, “सदन में दो मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें डेटा एंट्री ऑपरेटरों से संबंधित मुद्दा और संसद के अनुरूप (विधायकों का) मानदेय बढ़ाना शामिल है।”
भाजपा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा इस समिति के अध्यक्ष हैं और समिति में विधायक सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा, संजीव झा और विशेष रवि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि यह समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और आवश्यकता के अनुसार समय बढ़ाया भी जा सकता है।
दिल्ली के विधायकों का वेतन पिछली बार फरवरी 2023 में बढ़ाया गया था, जो 54,000 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये प्रति माह किया गया था।
वहीं मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष का वेतन 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1.7 लाख रुपये कर दिया गया था।
भाषा जितेंद्र रंजन
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