नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और पुलिस ने 15 वर्षीय लड़की के बाल विवाह के प्रयासों को विफल कर दिया। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, एनजीओ बाल विकास धारा (बीवीडी) को बाल विवाह के बारे में सूचना मिली और उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
एनजीओ द्वारा जारी बयान के अनुसार, “लड़की की शादी एक नये खुले मंदिर में 21 वर्षीय व्यक्ति से होने वाली थी कि तभी मंदिर समिति के एक सदस्य को संदेह हुआ। मंदिर समिति का सदस्य बीवीडी से भी जुड़ा हुआ था और उसने एनजीओ को सूचित किया। एनजीओ और पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं और जब पूछताछ की गई, तो दूल्हे ने अपना आधार कार्ड दिखाया, लेकिन दुल्हन के परिवार ने उसकी पहचान बताने में संकोच किया।”
बयान के मुताबिक, “उन्होंने (लड़की के परिजनों ने) उसके (लड़की के) दस्तावेज के बारे में असंगत जवाब दिए, जिससे संदेह और बढ़ गया। लड़की की उम्र की पुष्टि करने के लिए पुलिस और एक मेडिकल टीम को बुलाया गया। चिकित्सकों ने लड़की की उम्र कम होने की पुष्टि की लेकिन परिवार के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि वे कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। बाद में उन्होंने दावा किया कि यह सगाई थी, शादी नहीं। ”
बयान में बताया गया कि परिवार ने आखिरकार 24 घंटे के बाद लड़की का आधार कार्ड दिखाया, जिससे पुष्टि हुई कि वह 15 साल की है।
प्रेम नगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर लड़की को आश्रय गृह में रखा गया है।
पुलिस ने एक बयान में बताया, “एक प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच सौंप दी गई। बाद में लड़की को रोहिणी स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया। मामले की जांच जारी है। ”
भाषा जितेंद्र पवनेश
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