दिल्ली भाजपा ने वक्फ बिल के समर्थन में किया प्रदर्शन |

दिल्ली भाजपा ने वक्फ बिल के समर्थन में किया प्रदर्शन

दिल्ली भाजपा ने वक्फ बिल के समर्थन में किया प्रदर्शन

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Modified Date: April 2, 2025 / 12:42 PM IST
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Published Date: April 2, 2025 12:42 pm IST

नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने बुधवार को विजय चौक और रेल भवन चौराहे पर वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रति समर्थन जताने के लिये प्रदर्शन किया।

इस विधेयक को आज लोकसभा में चर्चा और इसे पारित कराने के लिए पेश किया जायेगा।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी के सदस्यों ने तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर लिखा था, ‘‘वक्फ विधेयक में पिछड़े मुसलमानों का हिस्सा सुनिश्चित करने के लिए मोदी जी का धन्यवाद।’’

सचदेवा ने कहा, ‘‘इस विधेयक का उद्देश्य गरीब मुसलमानों का उत्थान सुनिश्चित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। यह उन लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करेगा, जिनके अधिकार अनुचित तरीके से छीने गए हैं।’’

विधेयक का विरोध करने वालों से भाजपा नेता ने पूछा कि वे समुदाय के कल्याण के लिए किए जाने वाले उपायों के खिलाफ क्यों हैं।

वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के लिए विधेयक में 1995 के वक्फ अधिनियम में दूरगामी बदलावों से संबंधित प्रस्ताव है, जिसमें ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना शामिल है।

इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के अनुसार, यह बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रयास करता है, जिसमें यह तय करने की शक्ति है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं।

इसमें केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक संरचना का प्रावधान है, तथा बोहरा और आगाखानियों के लिए औकाफ का एक अलग बोर्ड स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसमें मुसलमानों में शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानियों और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक में अधिनियम का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करने का भी प्रावधान है।

लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा और पारित होने के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया है। सरकार जहां इसे पारित कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, वहीं विपक्ष प्रस्तावित कानून को असंवैधानिक बताकर इसकी निंदा करने में एकजुट है।

राज्यसभा में बृहस्पतिवार को इस पर चर्चा होने की उम्मीद है।

भाषा रंजन नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)